
राज्य मे लॉकडाउन बढाने के पहले चिन्तन आवश्यक-पूर्व मंत्री बदरुद्दीन कुरैशी.. सीएम व पीसीसी चीफ को लिखा पत्र…
छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मंत्री बदरुदद्दीन कुरैशी ने अखिल भारती राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पी. एल. पुनीया एवं प्रदेश के मुख्य मंत्री भूपेश बघेल एवं प्रदेश कांगेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम को फैक्स करके आग्रह किया है कि कोरोना वायरस संकात्मक महामारी से पूरा देश एवं राज्य प्रभावित हो गया ऐसी स्थिति मे वायरस के रोकथाम के लिए 14 अप्रैल से लॉकडाउन को आगे बढाने कि स्थिति में मंत्रीमण्डल मे नीचे लिखे ज्वलंत पहलुओ पर गंभीरता पूर्वक विचार कर निर्णय लेने का अनुरोध किया।
पूर्व मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के पहले आम जनता की जरुरत कि चीजे चावल, गेंहू, दलहन, तिलहन, दवाईयाँ व रोजमर्रा की चीजे, ईलाज चिकित्सा बडी सहुलियत के साथ उपलब्ध हो जाता था। तीन पहिया, चार पहिया व बड़े वाहनों से कई हजार ड्रायवर, कंडक्टर, कुलियो व ट्रान्सपोटर्स का गुजर बसर हो जाता था। लेकिन लाक डाउन होने के बाद लाखो लोग बेरोजगार हो गए। जीवन उपयोग मे आने वाली रोजमर्रा की चीजो के दाम 20 से 25 प्रतिशत बढ गये आज कोरोना के अतिरिक्त नियमित एवं गंभीर अन्य बीमारियां जैसे-हृदयघात, उच्चरक्त चाप, किडनी, गैस उदर, स्त्री रोग प्रसव, मधुमेह, कैंसर, स्नायु, आंख, दमा, खांसी, सामान्य बुखार, दुर्घटनाएं और सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए पूरी तरह निजी चिकित्सालय भी लगभग बंद सा कर दिया। शासकीय चिकित्सालय में भी कोरोना के अतिरिक्त बीमारियों को बहुत कम देखा जा रहा है।
इसी प्रकार छोटे छोटे उघोगो में काम करने वाले श्रमिक सैलुन, नाई, होटल वाले, गुमटी, चाय, पानठेला,कपडे का फेरी लगाने वाले हेल्पर मिस्त्री और छोटे छोटे व्यवसाय करने वाले लोगो का जीना दूभर हो रहा है।
उन्होने आगे कहा शासन कि ओर चावल, शक्कर, आटा मुफ्त में देने से समस्या का समाधान कताई नही है। आज भी हजारो छत्तीसगढ़ के मजदूर अपने निवास स्थान जाने के लिए तरस रहे है, उक्त परिस्थितियो को देखते हुए ऐसा कदम उठाया जाय कि लाखो लोग बेरोजगार भी न हो सके और कोरोना वायरस संकात्मक से मुकाबला भी कर सके आज छत्तीसगढ के कुछ शहरो मे पीलिया कि बीमारी प्रारंभ हो गई है।