ऑनलाइन व्यापार प्रतिबंधित… निर्णय… युवा चेम्बर उपाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने किया स्वागत…सहयोग के लिये केंद्र सरकार व व्यापारी बंधुओं के प्रति जताया आभार…
लाकडाउन के दौरान गैरजरूरी वस्तुओं के ऑनलाइन व्यापार को केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के निर्णय का व्यापारियों व छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के कदम से स्थानीय व्यापारियों को लाभ होगा। चेंबर एवं व्यापारिक बंधुओं ने एकजुट होकर केंद्र सरकार के निर्णय का अपने अपने तरीके से विरोध किया। जिससे तत्काल केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। इस सम्बंध में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज कोरिया के युवा जिला उपाध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाकडाउन में आनलाईन कंपनियों को गैरजरूरी वस्तुओं के व्यापार की अनुमति दी गई थी, जो कि ग़लत निर्णय था। इस निर्णय से छोटे व मध्यम व्यापारियों को काफी नुकसान होता। इसलिए व्यापारियों द्वारा इसका कड़ा विरोध किया गया। जिससे सरकार को ऑनलाइन व्यापार प्रतिबंधित करना पड़ा। और लघु ओर मध्यम व्यापारी वर्ग के हितों का संरक्षण हो सका।
इस विरोध कार्यक्रम में चेंबर के आव्हान पर सभी व्यापारी भाइयों ने जो सहयोग किया उसके लिए चेंबर की टीम आप सबका धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इसी तरह एकजुट होकर व्यापारी के सम्मान और स्वाभिमान के लिए हमेशा तत्पर रहने की अपेक्षा करती है। युवा चेम्बर उपाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने आगे बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 20 अप्रैल से ऑनलाइन कम्पनियों को सामानों के ऑनलाइन बिक्री की देश मे अनुमति देने के पश्चात छोटे एवं मध्यम व्यापारियों की संस्था द्वारा इस निर्णय को गलत ठहराते हुए सरकार से कहा गया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद देश के व्यापारियों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए पूरी देश की जनता को दवाई, राशन, दूध जैसी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ देश के लाखों फसे हुए मज़दूरों तक मुफ्त में भोजन व सूखा राशन पहुँचाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री आपदा कोष एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष में करोड़ो रूपये की धनराशि प्रदान की जबकि इस संकट कि घड़ी में अमेज़न फ्लिपकार्ट, वालमार्ट जैसी ऑनलाइन कम्पनियां कही भी देश की जनता के साथ व देश की सरकार व प्रदेश की सरकार के साथ खड़ी नही दिखाई दी। ऐसे में ऑनलाइन व्यापार की अनुमति देना किसी भी प्रकार से जायज नही था। जिसका हम सब व्यापारी बंधुओं ने विरोध किया और अंततः सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा।