♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

बीमार मां के लिए नाबालिग ने की चोरी…जज ने सजा की जगह दिया ऐसा फैसला…पूरा गांव कर रहा तारीफ…

कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देशभर में लॉकडाउन है। तमाम उद्योग-धंधे बंद हैं, जिसका सबसे बड़ा असर देश के गरीब, मजदूर वर्ग पर पड़ा है। लोग दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे हैं। लेकिन संकट के इस काल में भी समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो इन गरीबों की मदद के लिए आगे आ रहा है और उन्हें खाना मुहैया करा रहा है। पेट की भूख का आलम ये है कि लोग चोरी तक करने के लिए मजबूर हैं। बिहार में एक नाबालिग लड़के ने अपनी भूखी मां के लिए चोरी की तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इस लड़के की हालत पर जज को तरस आ गया।

सुधार का मौका मिलना चाहिए

दरअसल रविवार को स्थानीय कोर्ट में नाबालिग लड़के को चोरी के आरोप में पेश किया गया। लेकिन जज ने आरोपी लड़के को सजा देने की बजाए उसे राशन, कपड़ा और जरूरी सामान मुहैया कराया। जज ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला लड़के के पक्ष में दिया और कहा कि उसे एक मौका सुधार का दिया जाता है। लड़के की पहचान नरेंद्र राव के रूप में हुई है।

जज ने मेरी पीड़ा को समझा

नरेंद्र ने बताया कि पुलिस ने मुझे चोरी करते हुए पकड़ा था, जब मैं सामान चुराकर भाग रहा था। स्थानीय लोग वहां इकट्ठा हो गए और मुझे मारने लगे। मुझे लोगों ने काफी मारा, जिसके बाद पुलिस ने मुझे जेल में बंद कर दिया था। लेकिन बाद में जब मुझे कोर्ट में पेश किया गया तो जज ने मेरी स्थिति को समझा और उन्हें महसूस हआ कि आखिर क्यों मैंने चोरी की।

मां बीमार थी, खाने के लिए कुछ नहीं था

नरेंद्र ने बताया कि मेरी मां बीमार थी और मेरे पास खाने को कुछ नहीं था। मैं उन्हें कुछ खिलाना चाहता था। वहीं स्थानीय प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि परिवार के पास राशन कार्ड है और उन्हें सरकार द्वारा पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। हालांकि उनके पास रहने के लिए घर नहीं है क्योंकि उनका नाम आधिकारिक आंकड़ों में दर्ज नहीं है। इसी वजह से उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला। हमने उन्हें कुछ जरूरी सामग्री मुहैया कराई है।

लोगों ने फैसले का किया स्वागत

वहीं जज के फैसले के बाद ग्रामीणों ने इस फैसले का स्वागत किया है और उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस फैसले से लड़के में सुधार आएगा और वही सही रास्ते पर चलेगा। स्थानीय निवासी संजय चौधरी ने कहा कि जज के फैसले में बच्चे का पक्ष लिया गया है, यह बहुत की जबरदस्त पहल है। हमे उम्मीद है कि इस फैसले के बाद लड़का सही रास्ते पर चलेगा।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close