
22 साल मुक्तिधाम में सेवा करते दिए गुजार…लेकिन एक आशियाना भी नही हुआ मयस्सर..
ध्रुव द्विवेदी
कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ शहर के मुक्तिधाम में चौकीदारी का काम करने वाले मंगल ने अपनी जिंदगी के 22 साल मुक्तिधाम में रहते हुए गुजार दिए लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि उसे रहने के लिए एक ढंग का आशियाना तक नहीं दिया गया जहां वह अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ राजी खुशी रह सके।
इस संबंध में बयान जारी करते हुए भाजपा नगर मंडल महामंत्री राम चंद्र द्विवेदी ने बताया कि आमाखेरवा इलाके में इलाके में बने हुए मुक्तिधाम में बीते 22 वर्षों से मंगल नाम का एक चौकीदार अपनी सेवा दे रहा है.जब परिवार के लोग मृतक का अंतिम संस्कार कर वहां से चले जाते हैं, उसके बाद वहां देखरेख करना, साफ सफाई करना और सुरक्षा बनाए रखना मंगल की जवाब दारी होती है।इन 22 वर्षों में मंगल का परिवार भी बड़ा हुआ लेकिन उसे रहने के लिए कोई बेहतर व्यवस्था नहीं दी गई. उसे रहने के लिए जो गोदाम दिया गया है वह पूरी तरह जर्जर हो गया है.बारिश के समय जहां ऊपर से पानी टपकता है तो रात के अंधेरे में जर्जर गोदाम में उसे सांप और बिच्छू का डर बना रहता है.आसपास इतना मलबा जमा है कि वहां रहना मुश्किल है वही घर के पीछे की सड़क ऊंची होने की वजह से सड़क का पूरा पानी उसके घर से होकर बहता है .घर के सामने बनाए गए शेड की हालत देखकर यह आसानी से समझा जा सकता है कि शहर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर कभी नहीं गया नहीं तो मंगल के रहने के लिए अभी तक व्यवस्था हो गई होती .बहरहाल मंगल ने अपनी पीड़ा कभी किसी से बयां नहीं की लेकिन उसका दर्द उसकी आंखों में साफ देखा जा सकता है जो अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर वहां किसी तरह से गुजर बसर कर रहा है.इस संबंध में भाजपा नगर मंडल के महामंत्री रामचरित द्विवेदी ने शहर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों समाजसेवी संस्थाओं से आग्रह किया है कि मंगल को रहने के लिए एक उचित आवास की व्यवस्था करें जिससे वह अपने परिवार के साथ सुख पूर्वक रह सके.