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छत्तीसगढ़ी सिनेमा व रंगमंच के छोटा पैकेट बड़ा धमाल ….नितेश लहरी, इप्टा और छत्तीसगढ़ी लोकमंच में रहे सक्रिय ….दर्शकों को “मया होगे रे” ज़रूर पसन्द आएगी

 

रायपुर …पी.व्ही .बी .फिल्म्स के प्रोडक्शन निर्माता हेमंत जैन सुभाव बंसल की प्रस्तुति छत्तीसगढ़ी फिल्म “मया होगे रे आगामी माह 2.सितम्बर को प्रदर्शित हो रही इसके कार्यकारी निर्देशक नितेश लहरी से विस्तार से चर्चा पर बताया की मुझे अभिनय लेखन व निर्देशन का शौक बचपन से ही कला के प्रति रुझान से मैं फिल्मो में झुकाव आया ,अपने इस सपने को पूरा करने मैंने 1996 में “भारतीय जन नाट्य संघ” (इप्टा) में प्रवेश के साथ ही मैं छत्तीसगढ़ी लोकमंच में भी सक्रिय रहा।
मेरे गुरु मेरे आदर्श श्री मिनहाज असद के मार्गदर्शन व आशीर्वाद से मैंने अभिनय,लेखन,सम्पादन व निर्देशन को समझा। आपने एक ड्रामा कॉम्पिटिशन में मुझे निर्देशन का अवसर दिया,मेरे निर्देशित नाटक को श्रेष्ठ नाटक,श्रेष्ठ निर्देशक व कलाकारों को श्रेष्ठ अभिनेता व अभिनेत्री का पुरुस्कार मिला ये सिलसिला बरकरार रहा और लगातार 4 बार अलग-अलग नाट्य प्रतियोगिताओं में मेरे निर्देशित नाटक को श्रेष्ठ नाटक,कलाकारों को श्रेष्ठ अभिनेता, अभिनेत्री व मुझे श्रेस्ट निर्देशक चुना गया।
मैंने छत्तीसगढ़ी फिल्म बंधना,पहुना व सोनाचिरैय्या फ़िल्म में संयुक्त निर्देशक का ज़िम्मा संभाला। मेरी पहली लिखित व निर्देशित फिल्म “आशिक़ मयावाले” थी इस फ़िल्म ने भी श्रेस्ट छायांकन, श्रेस्ट सहनायक,श्रेस्ट चरित्र अभिनेत्री व श्रेस्ट बाल कलाकार का पुरुस्कार मिला | मैंने कई शार्ट फ़िल्मे भी लिखी व निर्देशित की है साथ ही छत्तीसगढ़ी फ़िल्म “आशिक़ छत्तीसगढ़िया”व “मोला उहीच लड़की चाही बात खतम” को लिखा व निर्देशित किया है जो जल्दी ही सिनेमाघरों में आने वाली है। वर्तमान में “राम के लीला रामायण” को निर्देशित कर रहा हूँ।मेरा सौभाग्य है कि भाई शेखर चौहान ने मुझे “मया होगे रे” के कार्यकारी निर्देशन के लिये चुना,मैंने पूरी शिद्दत से एक बढ़िया फ़िल्म बनाने की पूरी कोशिश की है और इस कार्य में सभी कलाकार व तकनीशियनों ने भरपूर सहयोग दिया । हम सब ने मिलकर एक अच्छी फिल्म बनाई है और मुझे पूरा यकीन है कि दर्शकों को भी “मया होगे रे” ज़रूर पसन्द आएगी।

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