समाज की लड़कियों को आलिमा बनाने की जुस्तजू
दक्षिणापथ, दुर्ग। राज्य सरकार की बेटी पढ़ाओ कांसेप्ट की जीती-जागती मिसाल तकियापारा स्थित मदरसा फातिमातुज्जोहरा कुल्लीयतुल बनात में देखी जा सकती है जहां समाज की लड़कियों को आलिमा सहित मुख्तलिफ तर्बियती कोर्स की तालीम दी जा रही है। वह भी पूरी तरह नि:शुल्क। यही नहीं, लड़कियों को यहा उर्दू और अरबी की तालीम के अलावा उन्हें कंप्यूटर और सिलाई-कढ़ाई में भी पारंगत किया जा रहा है। मदरसे के फाउंडर मेंबर हाजी मोहम्मद सलीम खान का कहना है कि लड़कियों के शिक्षित होने से उसकी रोशनी आने वाली नस्लों तक पहुंचती है। यही वजह है कि उनका पूरा जोर लड़कियों की समुचित शिक्षा की ओर है। उन्होंने बताया कि मदरसे में आने वाली लड़कियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। यहां तक कि उन्हें ड्रेस भी मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है। सलमा और यासमीन मैडम कंप्यूटर के बेसिक कोर्स के अलावा उन्हें सिलाई-कढ़ाई की पूरी शिक्षा दे रही हैं। वहीं, नगमा, निकहत, आमना और शबनम मैडम उन्हें दीनी तालीम के अलावा उर्दू और अरबी में पारंगत कर रही हैं। यहां की प्रिंसिपल जीनत फातिमा हैं। वर्तमान में करीब 235 छात्राएं यहां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इनमें तकियापारा के अलावा अन्य मोहल्लों की छात्राएं भी शामिल हैं। लड़कियों को मदरसा लाने-ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था भी है। पिछले साल यह संख्या 180 थी।
उमरह का मौका
फातिमातुज्जोहरा कुल्लीयतुल बनात अपने यहां की छात्राओं को उनके पालकों के साथ सफरे उमरह का मौका दे रहा है। मदरसे के फाउंडर मेंबर हाजी मोहम्मद सलीम ने बताया कि 6 जुलाई से 4 अगस्त तक मदरसे की ओर से तकियापारा मुस्लिम सराय में समाज की लड़कियों के लिए विशेष तर्बीयती कोर्स शुरू किया जा रहा है। दोपहर दो से शाम पांच बजे तक चलने वाले इस कोर्स में लड़कियों को अकाईद, तहारत, नमाज और इल्म का दर्स दिया जाएगा। इस दौरान इन मसाईल के ताअल्लुक से सवाल जवाब भी होगा। कोर्स के अंत में कोर्स से संबंधित परीक्षा होगी जिसमें पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर आने वाली छात्राओं को उनके पालकों के साथ उमरह की टिकट दी जाएगी।