संवेदनहीन हो चुकी है प्रदेश सरकार-रामचरित..50 लाख मुआवजा देने की मांग..
ध्रुव द्विवेदी
नगर पालिका परिषद मनेंद्रगढ़ में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मास्टर याकूब खान कोरोना से पीड़ित होने के बाद रायपुर के एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए अंततः हार गए. बीते बुधवार को उनके मृत शरीर को सुपुर्द ए खाक किया गया. भाजपा नेता रामचरित द्विवेदी नेे कहा कि शासन के नियमानुसार मृतक के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति तो मिल जाएगी लेकिन क्या अनुकंपा नियुक्ति से ही सरकार के कर्तव्य की इतिश्री हो जाती है.
उन्होंने कहा कि कई प्रदेशों में कोरोना वारियर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स की मृत्यु होने पर अलग से राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है ,किंतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस तरह का कोई प्रावधान नहीं होने से कोरोना ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के मन में निश्चित रूप से भय व्याप्त होगा.शासन को चाहिए कि इस मामले में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए शासकीय ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस होने पर उनके इलाज अथवा मृत्यु हो जाती है तो उन्हें कम से कम ₹50 लाख मुआवजा राशि देने का प्रावधान करें जिससे मृतक के परिजनों को कुछ राहत मिल सके .मृत व्यक्ति की क्षतिपूर्ति तो किसी तरह नहीं की जा सकती लेकिन उक्त राशि मिल जाने से उनके परिजन किसी तरह गुजर बसर तो कर सकेंगे.