नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल सश्रम कारावास* *घरघोड़ा न्यायालय ने सुनाई सजा, आरोपी पर जुर्माना भी लगा*
रायगढ़ से शशिकांत यादव
08 अगस्त 2021 घरघोड़ा-/-जिले में नाबालिक से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अदालत ने दोषी करार देते हुए 20 साल की कठोर सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में वर्ष 2019 में घरघोड़ा थाने में मामला दर्ज हुआ था।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, घरघोड़ा के पीठासीन अधिकारी अच्छे लाल काछी ने आरोपी राजेश्वर लोढ़ा (निवासी छोटे गुमड़ा) को धारा 376, 506 भाग 2 भादवि और धारा 4 पाक्सो अधिनियम के अपराध में प्रमाणित पाए जाने पर 20 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माना से दण्डित किया है। पीड़िता को सरकार से मुआवजा दिलाने के लिए अदालत ने अनुशंसा भी की है।
मामले की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने बताया कि छोटे गुमड़ा निवासी नाबालिक बालिका के साथ राजेश्वर लोढ़ा पिता असली कुमार निवासी छोटे गुमड़ा ने 19 अप्रैल 2019 को रात्रि में दुष्कर्म किया। रात्रि में पीड़िता पेशाब करने गई थी तभी आरोपी ने पीड़िता से दुष्कर्म किया और घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
घटना के बाद से नाबालिक सहमी हुई थी उसने किसी तरह हिम्मत करते हुए सुबह अपने परिजनों को रात के हादसे के बारे में बताई उसके बाद पीड़ित ने घरघोड़ा थाने में अपने साथ हुए हादसे में बारे में परिजनों समते तहरीर दी।
तत्कालीन घरघोड़ा थाना प्रभारी अभिनकांत सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाने में अपराध क्रमांक 76/2019 दर्ज किया। खुद उन्होंने इस मामले की विवेचना करते हुए पीड़िता के बयान के आधार पर घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किया और मेडिकल ग्राउंड पर उन्होंने आरोपी को न्यायालय में पेश किया।
अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश अच्छे लाल काछी ने सम्पूर्ण साक्षियो के न्यायिक परीक्षण उपरांत अभियोजन द्वारा प्रस्तुत न्याय द्रष्टांत ,साक्ष्य और तर्क को सही पाते हुए आरोपी को धारा 376, 506 भादवि और धारा 4 पॉक्सो के अपराध में 20 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माना की सजा आज सुनाया। साथ ही पीड़िता को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ को प्रतिकर प्रदान करने का अनुशंसा किए हैं।
निरीक्षक अभिनवकांत सिंह ने बताया कि किसी भी पुलिसकर्मी के लिए अपराधी को सजा दिलाना पहली प्राथमिकता होती है। छोटे गुमड़ा वाला मामला गंभीर था। हमने समय रहते सारे साक्ष्य एकत्रित कर लिये थे। मेडिकल ग्राउंड के आधार पर आरोपी का बच निकलना मुश्किल था। घटना के तुरंत बाद हमारी सक्रियता ने आरोपी को उसके अंजाम तक पहुंचा दिया। आरोपी को तो सजा मिली ही साथ ही पीड़ित को मुआवजा दिलाने के लिए अदालत ने सरकार से अनुसंशा की है।