फ्लाई ऐश के जहर से संकट में रायगढ़, एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर सरपंच पाट रहा तालाब! पढ़िए क्या है पूरा मामला…
रायगढ़ से शशिकांत यादव
रायगढ़ -/- पुसौर ब्लाक के जनपद पंचायत से लगा ग्राम पंचायत सुकुल भट्टली के आश्रित ग्राम दाऊभट्ठली में सरपंच द्वारा अवैध रूप से तालाब में प्रतिबंधित सफेद फ्लाई एस डालकर पाटा जा रहा हैं, ड्राईवर के द्वारा फ्लाई ऐश गिरवाने वाले का नाम सरपंच सुकुलभठली गणेश सिदार का नाम बताया गया। यहां देखा जा सकता है कि जमीन समतलीकरण के लिए कई डंफरों में फ्लाई ऐश लाकर तालाब को अवैध रूप से पाटा जा रहा है।
*ग्रामीणों का कथन*
यह तालाब कई वर्षों पहले निस्तारित तालाब हुआ करता था आश्रित ग्राम दाऊ भट्ठली के निवासी नहाना धोना करते थे, लेकिन तलाब में सफाई के अभाव के कारण अत्यधिक गंदा हो गया है अब वर्तमान स्थिति में सरपंच के द्वारा तालाब को पाटकर सामुदायिक भवन बनाने की बात कही जा रही है।
*एनजीटी के दिशा निर्देशों के नियमो का सरपंच दवारा खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है*
*पर्यावरण विभाग नाम मात्र का जिम्मेदार, अधिकारियों ने भी साध रखी है चुप्पी*…
इससे चाहे पर्यावरण प्रदूषित हो या जानलेवा स्थितियां निर्मित हो। इन्हें कोई लेना-देना नहीं और तो और इनकी जवाबदारी को याद दिलाने वाले पर्यावरण विभाग ने भी इनके आगे आंखें मूंद रखी है।
वैसे तो फ्लाई ऐश निपटान के लिए बहुत ही कठोर नियम बनाए गए हैं, लेकिन रायगढ़ में यह नियम सरपंच अपनी जेब में लेकर चलता है! क्योंकि इसकी देखरेख करने वाले शायद अब इन परिस्थितियों से समझौता कर चले हैं। लेकिन किसी भी उच्च अधिकारियों को इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं।
रायगढ़ में फ्लाई ऐश वाकई एक समस्या बन चुका है इसे एनजीटी ने भी माना है। जवाबदेही स्वीकार कर आने वाले विभागों को भी शायद संतुष्ट कर लिया जाता है?
लोगों को पर्यावरणीय व गंभीर समस्याओं से कब तक यूं ही जुझने छोड़ दिया जाएगा इसका जवाब प्रशासन नहीं दे सकता है?
फ्लाई ऐश का उपयोग यदि भू-भराव में किया जाता है तो उसके लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार गठित जिला समिति का अनुमोदन होना आवश्यक होता है। चूँकि इस चार सदस्यीय समिति के पदेन अध्यक्ष जिला कलेक्टर के अलावा दो सदस्य अनुविभाग अनुसार एस डी एम एवं उपसंचालक खनिज विभाग होते हैं, क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारी इस समिति के नोडल अधिकारी होते हैं। सम्बंधित भूमि जिसमें भू भराव किया जाना है की खसरा रकबा सहित नक्शे की जानकारी राजस्व विभाग, फ्लाई ऐश उत्सर्जन कर्ता उद्योग की जानकारी खनिज विभाग व पर्यावरण संरक्षण मंडल को दिया जाकर विधिवत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जाना होता है। इस आवेदन की विस्तृत पड़ताल के पश्चात ही फ्लाई ऐश से भू भराव की अनुमति दी जाती है। बिना अनुमति यदि फ्लाई ऐश से भू भराव किया जाता है तो वह अवैधानिक कृत्य की श्रेणी में आता है। जिसमें फ्लाई ऐश उत्सर्जन कर्ता उद्योग पर क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल वायु अधिनियम 1981 के तहत नोटिस जारी करता है।
*क्या कहते हैं सरपंच* =
मैं गांव के हित के लिए काम कर रहा हूं मुझे किसी अनुमति की जरूरत नहीं है मैं खुद सरपंच हूं मैंने किसी से अनुमति नहीं ली है और मैं सरपंच हूं मुझे अनुमति की क्या जरूरत है।
*क्या कहते हैं ग्राम पंचायत सचिव*
हमने ग्राम पंचायत सचिव से दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया लेकिन ग्राम पंचायत सचिव ने फोन उठा ना सही नहीं समझा।
*क्या कहते हैं जनपद पंचायत सीईओ*
जनपद पंचायत सीईओ से दूरभाष के माध्यम से बात की गई जनपद सीओ को अवैध फ्लाई एस तलाब में पाटने के संबंध में अवगत कराया गया जनपद सीईओ का कहना जांच कराई जाएगी और जांच में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
*क्या कहते हैं तहसीलदार पुसौर*
हमने तहसीलदार को दूरभाष के माध्यम से मामले की जानकारी देकर अवगत कराया गया तो तहसीलदार मैडम ने कहा जांच कराती हूं और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।