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नियुक्ति पर शुरू हुआ बखेड़ा ….छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ ने मुख्य सचिव को ज्ञापन दे कर नियम विरुद्ध पदस्थापनाओं पर विरोध दर्ज कराया ….मांगें पूरी नहीं होने पर 11 अक्टूबर को काली पट्टी लगाकर काम, फिर 12 अक्टूबर से कलम-बंद

 

*कहा- संचालक जनसंपर्क एवं छत्तीसगढ़ संवाद में प्रतिनियुक्तियों के पदों पर नियम विरुद्ध पदस्थापनाओं से विभाग में रोष*

*भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग के संचालक पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ अधिकारी की पदस्थापना अव्यावहारिक और अपमानजनक*

*जनसंपर्क विभाग के अनेक अधिकारियों की वरिष्ठता की उपेक्षा कर की गई पदस्थापनाएं*

*निर्णय में परिवर्तन कर विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारी को संचालक के रूप में पदस्थ करने की मांग*

 

रायपुर।

जनसंपर्क अधिकारी संघ ने आज दिनांक 06.10.2021 को मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन को ज्ञापन देकर जनसंपर्क संचालनालय में संचालक पद एवं छत्तीसगढ़ संवाद में प्रतिनियुक्तियों के पदों पर नियम विरुद्ध की गई पदस्थापनाओं के प्रति विरोध व्यक्त किया है।
संघ द्वारा मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि जनसंपर्क संचालनालय में दिनांक 05.10.2021 को संचालक पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ अधिकारी की पदस्थापना से राज्य के समस्त जनसंपर्क अधिकारी निराश हैं, क्षुब्ध हैं और अपमानित महसूस कर रहे हैं। पिछले लगभग तीन वर्षों से राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन, राज्य सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिये रात-दिन एक करने वाले राजधानी रायपुर से लेकर सभी जिला जनसंपर्क कार्यालयों के जनसंपर्क अधिकारी आज निराश और हतोत्साहित महसूस कर रहे हैं।
संगठन ने ज्ञापन में कहा है कि जनसंपर्क विभाग छत्तीसगढ़ में पदस्थ अपर संचालक एवं संयुक्त संचालक संवर्ग सहित लगभग 20 वरिष्ठ अधिकारी अविभाजित मध्यप्रदेश के समय के हैं, जो मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से वर्ष 1990 से लेकर 1996 के दौरान चयनित हुए हैं। ऐसी स्थिति में विभाग के अधिकारियों की वरिष्ठता एवं उनके अनुभव को अनदेखा कर राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग के कनिष्ठ अधिकारी को संचालक बनाया जाना बेहद निराशाजनक है। जनसंपर्क का कार्य अन्य विभागों से अलग है। अपने से अत्यंत कनिष्ठ और अन्य समान सेवा के अधीन काम करने से कार्य संपादन में व्यावहारिक दिक्कतें आएंगी, साथ ही विभागीय अधिकारियों का उत्साह भी कम होगा।
संगठन ने ज्ञापन में कहा है कि मुख्यमंत्री जी हमारे विभाग के मंत्री भी हैं, हमारे हितों के संरक्षक भी और निराशा के इस वातावरण में हम उनकी ओर आशा तथा विश्वास से देख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि व्यापक लोक हित में वो इस निर्णय को परिवर्तन करेंगे ।
संगठन नें ज्ञापन में कहा है कि जनसंपर्क अधिकारी संघ ने दिनांक 25.08.21 को श्रीमान् आयुक्त सह संचालक, जनसंपर्क विभाग को लिखे गए पत्र में विभाग तथा सहयोगी संस्था छत्तीसगढ़ संवाद में की जा रही नियम-विरुद्ध पदस्थापनाओं के संबंध में ध्यान आकर्षित करते हुए, इसका विरोध किया था। इस पत्र की प्रतियां मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव, सचिव जनसंपर्क विभाग और मुख्य कार्यपालन अधिकारी छत्तीसगढ़ संवाद को भी प्रेषित की गई थीं। इस पत्र को माननीय मुख्यमंत्री जी के सचिवालय ने संज्ञान में लेकर सचिव, जनसंपर्क विभाग, छत्तीसगढ़ शासन को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया था। किंतु इसी दौरान पुनः नियम विरुद्ध नियुक्तियां करते हुए संचालक पद पर, जो कि भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग के अंतर्गत वरिष्ठ पद है, इसमें राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की नियुक्ति की गई है, जिसके कारण जनसंपर्क विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों में गहन रोष है। जिस अधिकारी की नियुक्ति इस पद पर की गई है, उनके समकक्ष तथा उनसे वरिष्ठ अनेक अधिकारी जनसंपर्क विभाग में पदस्थ हैं। यदि गैर-संवर्ग नियुक्तियां की जानी थी तो जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों में से ही किन्हीं एक के बारे में विचार करते हुए उन्हें संचालक नियुक्त किया जाना उपयुक्त होता।
जनसंपर्क अधिकारी संघ ने मांग की है कि- 1. संचालक जनसंपर्क के पद पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की नियुक्ति के स्थान पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों में से किसी एक को संचालक जनसंपर्क के पद पर पदस्थ किया जाए। 2.छत्तीसगढ़ संवाद में जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों की प्रतिनियुक्तियों के पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा एवं अन्य संवर्ग के अधिकारियों के स्थान पर पूर्व में लिए गए मंत्रिपरिषद के फैसले के अनुरूप जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों की ही पदस्थापना की जाए।
संगठन ने कहा है कि उपर्युक्त मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार न होने की स्थिति में जनसंपर्क अधिकारी संघ द्वारा प्रदेशभर में सार्वजनिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। दिनांक 11.10.2021 को संचालनालय एवं जिला जनसंपर्क कार्यालयों में काली-पट्टी लगाकर कार्य करते हुए विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। तत्पश्चात 12.10.2021 से अनिश्चितकाल के लिए कलम-बंद किया जाएगा।

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