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प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रशासनिक सेवा ही करने दें ….न्याय निर्णय निष्कर्ष का नहीं अधिकार …… पूरा सिस्टम करप्ट प्रभार ग्वाल सहित इलाहाबाद हाई कोर्ट के

 

रायगढ़।

राजस्व व प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सिर्फ प्रशानिक कार्य कराए जाएं उन्हें न्याय निर्णय लेने का अधिकार न संविधान में भी नही दिया है। निर्णय व निष्कर्ष का अधिकार न हो वे सरकार व न्यायलयों के आदेशों का पालन करे। प्रशासनिक अधिकारी प्रशानिक कार्य करें, पूरा सिस्टम करप्ट हो चुका है और इसमें अधिवक्ता मारा जा रहा है ज्यादा पैसे लेकर फैसले बदले जाते हैं। यह सब बातें आज रायगढ़ विधि वक्ताओं के आंदोलन को अपना समर्थन देने पूर्व सीजेआई प्रभाकर ग्वाल, इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता एसएन सिंह, नई मुद्दीन अंसारी अधिवक्ता छत्तीसगढ़ पहुंचे थे। इन सबने पूरे सिस्टम पर जमकर प्रहार किया।

विधि वक्ताओं व राजस्व कर्मचारियों के बीच चली आ रही जंग के बीच जहां राजस्व कर्मचारी सहित अधिकारी वर्ग अपनी जीत की खुशी मना रहा है तो वहीं दूसरी ओर विधि वक्ताओं का आंदोलन शिखर की ओर बढ़ रहा है। आज इलाहाबाद हाई कोर्ट से पहुंचे अधिवक्ता ने मौजूदा प्रशासनिक व्यवस्था पर जम कर प्रहार किया । पूर्व सीजेआई प्रभाकर ग्वाल ने यहां तक कह दिया कि राजस्व व प्रशासनिक अधिकारियों से प्रशासनिक कार्य कराए जाएं न्याय निर्णय लेने का अधिकार न दिया जाए संविधान में भी ऐसा नहीं है। न्याय निर्णय निष्कर्ष की जिम्मेदारी दी रही है । राजस्व सेवा या प्रशासनिक सेवा के अधिकारी न्याय निष्कर्ष न निकालें बल्कि सरकार व न्यायालय के आदेशों का पालन करे। इसके लिए हमे लड़ना पड़ेगा और जब तक यह व्यवस्था नहीं सुधरती तब तक भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। प्रभाकर ग्वाल ने सीधे सीधे पूरे सिस्टम को भ्रष्ट बताया और कहा कि गवाहों को सजाएं दी जा रही है पैसे लेकर फैसले बदले जा रहे हैं। उन तमाम से अधिवक्ताओं की लड़ाई को लम्बी लड़ाई लड़नी होगी अन्यथा हमारी सन्तानो को डर भय के बीच जीना होगा। प्रभाकर ग्वाल ने कलेक्टरों व एसपी को एक दुसरे का भाई बताते हुए कहा कि ये लोग जो समाज के लिए काम करते सोसल एक्टिविष्टो को किस तरह फंसाया जाता है। कुल मिलाकर ब्यूरोक्रेट्स में व्याप्त कुसंगतिओं पर प्रहार किया और कहा कि ऐसे ऐसे कानून बन गए है जिससे निर्दोषों को फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वकीलों को अपनी लड़ाई लड़नी होगी।

प्रभाकर ग्वाल ने यह भी कहा की क्या अधिवक्ता लड़ाई करने गए थे भ्रष्ट सिस्टम से परेशान होकर ऐसा हो गया ऐसा भी सब नहीं करते। ऐसा 100 में 1 ही कर पाता है ऐसा ही रायगढ़ में परिपेक्ष्य में हुवा और इसकी पुलिसिया जांच नहीं बल्कि विधि से जुड़े विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया जाना चाहिए। वक्ताओं ने यह भी कहा कि न्यायालयों में हमारी बात से ज्यादा पुलिस की बात सुनी जाती है जबकि होना यह चाहिए कि पुलिस की हर बात पर संदेह करना चाहिए और वकील का तर्क सुना जाना चाहिए आज ऐसा होता नहीं है।

कुल मिलाकर आज इनके दिग्गज वक्ताओं के आने और उनके उद्बोधन से अधिवक्ता संघ के हड़ताल में और उत्साह आ गया है। फिलहाल विधि वक्ताओं का आंदोलन किस ओर पहुंचेगा अभी देखना बाकी है। पर इतना तो है इस आंदोलन में राजस्व विभाग में व्याप्त भ्र्ष्टाचार की पोल जरूर खोल कर रख दिये हैं।

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