भगवान के मुखारविंद से निकली है श्रीमद्भागवत की पावन कथा …..जो व्यक्ति यह प्रसाद पा जाता है उसका जीवन तो धन्य हो जाता है ….आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी
रायगढ़ – – शहर के कोतरा रोड़ स्थित नंद बाग में शहर के प्रतिष्ठित कानोडिया परिवार के मार्गदर्शन में पितृमोक्षार्थ गया श्राद्ध के अंतर्गत आज 28 से चार सितंबर तक पावन संगीतमयी भव्य श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। व्यासपीठ पर विराजित हैं सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी जी मथुरा वासी अपने दिव्य प्रवचनों से निहाल करेंगे। वहीं आज कथा प्रारंभ के पहले दिन कलश यात्रा का शुभारंभ हनुमान मंदिर सुभाष चौक से किया गया। माताएं व बहनों ने कलश उठाया था वे सुभाष चौक से लेकर नंदबाग तक पैदल चलकर पहुंची व समूचा अंचल भगवान श्री राधे के पवित्र मंत्र से गुंजित हो गया। इसी तरह कथा प्रारंभ दोपहर 3 बजे से व्यासपीठ पूजा के साथ प्रारंभ हुई और रात्रि 8 बजे आरती के होते तक सैकड़ों लोग कृष्ण भक्ति में झूमते रहे।
ज्ञान का सागर है श्रीमद्भागवत – – – सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं आचार्य पवन कृष्ण गोस्वामी ने आज कथा प्रसंग के पहले दिन श्रद्धालुओं को कथा रसपान कराते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा साक्षात भगवान श्री हरि के मुखारविंद से निकली पावन कथा है। जिसे प्रसाद के रुप में भक्तों को प्रारंभ दिए जाने की परंपरा चली आ रही है और जो व्यक्ति यह प्रसाद पा जाता है उसका जीवन तो धन्य हो जाता है साथ ही जहां भी इसकी पावन कथा होती है वहां के पशु पक्षी व सभी जीवों का भी उद्धार हो जाता है ऐसा शास्त्रों में उल्लेख है। इसलिए सभी मनुष्य को समय निकाल श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करना चाहिए और जो रसपान करते हैं उनके भाग्य का उदय हो जाता है। इसीलिए कहा भी गया है कि मनुष्य को ज्यादा से ज्यादा समय सत्संग में देना चाहिए। इस तरह से पावन अमृतमयी कथा की धारा प्रतिदिन दोपहर तीन से शाम सात बजे तक कथा की अमृत धारा बह रही है। जिसका रसपान श्रद्धालुगण कर रहे हैं।वहीं उन्होंने भागवत कथा का महत्व व धुंधकारी का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार गति को प्राप्त करता है भगवान के चरणों को प्राप्त करने के लिए भगवान की भक्ति में निरंतर लीन रहता है गया जी भागवत का महत्व आज की कथा में प्रमुख विषय था एवं श्रीमद् भागवत के अंतर्गत गया भागवत के नियमों का विस्तार से उल्लेख किया गया। इस तरह से पावन संगीतमयी कथा का आनंद श्रद्धालुगण ले रहे हैं और आयोजन को भव्यता देने कानोडिया परिवार के सभी सदस्यगण जुटे हैं।