कांग्रेस की प्रेसवार्ता ::पुलिस हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत,परिजनों और कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप…
बिगड़ती कानून व्यवस्था पर उठे सवाल,कांग्रेस ने की मुख्यमंत्री से इस्तीफा और गृहमंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग..
लाल दास महंत कल्ला की रिपोर्ट
कोरिया/ जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में बलरामपुर प्रकरण को लेकर पत्रकार बंधुओ के साथ प्रेसवार्ता रखी गई थी जिसमे कांग्रेस के पदाधिकारी एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मौजूद रहे। पत्रकारवार्ता में बताया गया बलरामपुर में पुलिस की कस्टडी में एक युवक गुरूचरण मंडल की मौत हो गयी। पुलिस का दावा है कि मृतक गुरूचरण की मौत बाथरूम में फांसी लगाने से हुई है। सारे तथ्य बताते है बलरामपुर में युवक गुरूचरण मंडल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। मृतक जिसकी पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी। गुरूचरण मंडल को उसके पिता के साथ उसकी पत्नी के लापता होने के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने 4 दिनों से उसे तथा उसके पिता को थाने बुलाया था तथा 4 दिनों से उसे थाने में हिरासत में रखा था। पिछले 20 दिनों से मेरी बहू लापता है और मैं अपने बेटे के साथ तीन दिनों से हिरासत में हूं। पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा। बलरामपुर पुलिस की वजह से मैंने अपने बेटे को खो दिया। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरूचरण मंडल, उनके पिता तथा एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया ? 24 घंटे के भीतर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया ? मृतक के पास टॉवेल (तौलिया) कहां से आया जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं थी ? मृतक के शरीर का पंचनाम परिजनों व परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया ? मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे,पुलिस जलाना क्यों चाहती थी,हालांकि बाद में दबाद के कारण दफनाया गया। मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा लेकिन उसके मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दिया गया ? कांग्रेस पत्रकारवार्ता में सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराया जाये।
इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी तथा टीआई की भूमिका सदिग्ध है,उन सबके खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये।
मृतक के शरीर का डॉक्टरों का दल बना कर फिर से पोस्टमार्टम कराया जाये। मृतक के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा दिया जाये। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे,गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाये। कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए गए :- राज्य में रोज-रोज घट रही घटनायें यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है तथा आपराधिक घटनायें रोक पाना सरकार के बस की बात नहीं है। ऐसी नकारी और निक्कमी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिये।
जब जनता अपने जान-माल की सुरक्षा तथा अपराधियों और आपराधिक घटनाओं के विरोध में खुद सड़कों पर उतर जाये तथा राज्य के हालात अराजक हो जाये तब ऐसी सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये।बलरामपुर में महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। सरकार की अर्कमण्यता का नतीजा है जनता को अब पुलिस और सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है।जनता सरकार की क्षमता और पुलिस की दुर्भावनापूर्वक कार्यवाहियों के खिलाफ विद्रोह पर उतर आई
है। पुलिस की अक्षमता और सरकार के अनिर्णय के कारण बलौदाबाजार में एसपी, कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया,सूरजपुर मे अपराधी के घर पर हमला करने गयी भीड ने एसडीएम को पीटने के लिये दौड़ा दिया,उनको भागकर जान बचानी पड़ी। कवर्धा में पुलिस से न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी जनता ने एक व्यक्ति को उसके घर में जिंदा जला दिया। सीतापुर में पुलिस की लापरवाही के खिलाफ अपराधी पर कार्यवाही की मांग को लेकर जनता ने 24 घंटे चक्का जाम कर दिया था तब जाकर पुलिस ने कार्यवाही किया।
यह सारी घटनायें बताती है कि भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है। सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है।
सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है। मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है।
सरकार बेपटरी हो चुकी है। 4 एसपी और कलेक्टर,दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री, गृह मंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है?मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि उनके गृह मंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।पत्रकारवार्ता के दौरान पर उपस्थित :- जिला अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता,पूर्व जिलाध्यक्ष नजीर अजहर,पीसीसी सदस्य योगेश शुक्ला,प्रदेश संयुक्त महामंत्री वेदांती तिवारी,वरिष्ठ कांग्रेसी मुख्तार अहमद,महामंत्री बृजवासी तिवारी,शैलेंद्र सिंह,विकाश श्रीवास्तव,एवं अन्य कांग्रेसजन मौजूद रहे।