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रीजनल अस्पताल गोदरीपारा सहित एसईसीएल क्षेत्र के 3 अस्पतालों में भारी अनियमितता… कलेक्टर के आदेश के बाद 10 सदस्यीय टीम पहुंची जांच में…आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने की थी शिकायत…

 
रीजनल अस्पताल प्रबंधन गोदरीपारा तथा एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र में संचालित डिस्पेंसरी के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा सोनू दुबे तथा अभिनय पांडेय की ओर से की गई शिकायत के बाद शुक्रवार को जिला कलेक्टर के आदेश पर जिला अस्पताल बैकुंठपुर में पदस्थ डॉ आर बंसरिया , योगेश्वर सराठिया तथा बीएमओ खड़गवां के नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम शिकायत की जांच करने पहुंची।

टीम करीब 6 घंटों तक अस्पताल की परत दर परत बिंदुओं पर जांच करती रही रही तथा शिकायत में लिखे हर बिंदू की जांच करते हुए स्टाफ सदस्यों से भी इसकी जानकारी ली गई। गत दिनों हल्दीबाड़ी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा द्वारा जिला कलेक्टर बैकुंठपुर तथा जिला चिकित्सा अधिकारी बैकुंठपुर को ईमेल के माध्यम से शिकायत प्रेषित की गई थी ।

जिसमें जिला कलेक्टर कोरिया द्वारा पत्र टीएल मार्क कर जांच टीम को उसकी जांच रिपोर्ट निश्चित समय सीमा के भीतर देने हेतु आदेशित किया।

शिकायत में लिखा था कि चिरमिरी क्षेत्र में एसईसीएल का एक अस्पताल तथा आठ डिस्पेंसरी का संचालन विधि विरुद्ध होकर किया जा रहा है इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी को नर्सिंग होम एक्ट 2010 की धारा 4, 12 व 13 के अनुसार दंडित कराए जाने का प्रावधान है तथा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में यह भी पता चला था की रीजनल अस्पताल गोदरी पारा एनसीपीएच अस्पताल हल्दीबाड़ी तथा छोटी बाजार अस्पताल में एक्स रे मशीन का पंजीयन ना कराए जाने पर भी उसका मशीन नंबर तथा इंस्टॉलेशन दिनांक अंकित किया गया है जो कि गलत है । नर्सिंग होम एक्ट के तहत किसी भी क्लीनिकल स्थापना को संचालन करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता है इसके बिना किसी भी क्लिनिकल्स स्थापना को संचालित नहीं किया जा सकता। तथा बायो मेडिकल वेस्ट से संबंधित शिकायत पत्र में कहा गया था कि बायो मेडिकल वेस्ट के निष्पादन कि उक्त प्रक्रिया केवल कागजों में ही है जिस प्रक्रिया का उपयोग हुआ बायो मेडिकल वेस्ट के निष्पादन किया जाना बताया जा रहा है ऐसा कोई भी ट्रीटमेंट यथार्थ रूप से नहीं किया जाता तथा एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र में अस्पताल एवं डिस्पेंसरी ओं में बायो मेडिकल वेस्ट के निष्पादन में उपरोक्त प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता बल्कि उनके द्वारा मेडिकल वेस्ट को जला दिया जाता है इस संबंध में शिकायतकर्ता ने बनाए गए ढेरों वीडियो के लिंक भी शिकायत पत्र में संलग्न किए हैं तथा बताया है कि संक्रमित एवं खतरनाक मेडिकल वेस्ट जिससे भूमि जल वायु एवं पर्यावरण मंडल प्रभावित होता है जिस कारण नर्सिंग होम एक्ट अंतर्गत सीपीसीबी से निष्पादन हेतु पंजीयन अनिवार्य है अथवा ऐसे पंजीकृत संस्थान के माध्यम से मेडिकल वेस्ट का निष्पादन होना चाहिए जिसका अनुसरण एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र के किसी भी क्लीनिकल संस्थान द्वारा नहीं किया जा रहा है जिससे मानव समुदाय का जीवन खतरे में है । जेनेरिक दवाई संबंधी भाग में शिकायतकर्ता द्वारा यह भी कहा गया है चिरमिरी क्षेत्र के अस्पताल अथवा किसी भी डिस्पेंसरी के डॉक्टर के द्वारा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के आदेश दिनांक 21/4/ 2017 के अनुसार दवाओं का जेनेरिक नाम नहीं लिखकर ब्रांडेड दवाई का नाम लिखा जाता है इनका नाम कैपिटल लेटर में ना लिखकर स्माल लेटर में लिखा जाता है जिससे की आम जनता ब्रांडेड दवा खरीदने के लिए ही विवश होते हैं इन डॉक्टरों का स्थानीय दवा दुकानों से सांठगांठ होने के कारण इन ब्रांडेड दवाओं के एमआर तथा दवा दुकानदारों के बीच से कमीशन भी प्राप्त होता है जिससे आम जनता को आर्थिक क्षति होती है और इन डॉक्टरों द्वारा ब्रांडेड कंपनियों को धन संबंधी लाभ पहुंचाया जाता है जो कि चिकित्सकीय नैतिकता अधिनियम 2002 के विरुद्ध है जिस संबंध में मेडिकल शॉप की जांच जिला औषधि निरीक्षकों द्वारा नहीं की जाती है।
एनओसी के लिए मांगते हैं 70 साल पुराने कागज
– मामले में रीजनल अस्पताल चिरमिरी में पदस्थ डॉ आर सी बावरिया नर्सिंग होम एक्ट का परिपालन करने वह लाइसेंस बनवाने के लिए अस्पताल प्रबंधन नगर निगम के चक्कर काटता रहा है . पर निगम द्वारा भवन के नक्शे आदि जैसे सालों पुराने दस्तावेजों की मांग की जाने से प्रक्रिया लंबित है ।
सालों पहले मिल चुका है फ्रीजर :- जांच के दौरान यह भी बात सामने आई कि सालों पहले रीजनल अस्पताल गोदरी पारा को ब्लड स्टोरेज के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 300 लीटर का ब्लड स्टोरेज फ्रीजर दिया गया था परंतु आज तक रीजनल अस्पताल गोदरी पारा इमरजेंसी केस में भी अन्य अस्पतालों या ब्लड डोनरो पर ब्लड के लिए निर्भर है ।
डॉ एस कुजूर जांच अधिकारी एवं बीएमओ खड़गवां :- शिकायतकर्ता की शिकायत पर चिरमिरी के तीन अस्पतालों की जांच की गई है जिसमें अनियमितता पाए जाने पर नर्सिंग होम एक्ट के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।
राजकुमार मिश्रा शिकायतकर्ता  ने बताया मेरे व सोनू दुबे तथा अभिनय पांडेय के साथ मिलकर अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध शिकायत की गई थी तथा जांच के दौरान तीनों शिकायतकर्ता उपस्थित थे जांच के दौरान अस्पताल में गंभीर अनियमितताएं भी सामने आई है।
उमेश तिवारी, स्वच्छता प्रभारी नगर पालिक निगम चिरमिरी :- शिकायतकर्ता की शिकायत पत्र को संज्ञान में लेते हुए जिले से 10 सदस्य टीम जांच के लिए आई है । बायो मेडिकल वेस्ट तथा अन्य बिंदुओं पर जांच की जा रही है अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी ।

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