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IG डांगी को ASI के बेटे ने व्हाट्सअप में भेजी समस्या… फौरन हुआ निराकरण…घर हुआ ट्रांसफर… IG से मिल भावुक हुआ ASI… कहा-देखा नहीं ऐसा अधिकारी…

 
अनूप बड़ेरिया
सरगुजा रेंज के बेहद संवेदनशील और मार्मिक संवेदना रखने वाले आईजी रतन लाल डांगी ने एक आईपीएस अफसर कड़क दार शैली से हटकर जिस प्रकार अपना व्हाट्सएप नंबर जारी कर अपने पुलिस कर्मियों की समस्याओं को सुनने की परिपाटी आरंभ करी, तो पुलिसकर्मियों को आईजी के रूप में एक अफसर नहीं बल्कि एक अभिभावक नजर आने लगा शायद यही वजह है कि पुलिस कर्मियों के साथ उनके परिवार के लोग भी अपनी समस्याओं को खुलकर आईजी के सामने रखने लगे और आईजी रतन लाल डांगी खुले दिल से उसे सुनकर दूर करने लगे। आईजी की सह्रदयता की वजह से सरगुजा रेंज में पुलिस कर्मियों का अपनी ड्यूटी की वजह से होने वाला मानसिक तनाव काफी हद तक कम हो गया है। आईजी लगातार अच्छे कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित कर उनका मनोबल भी बढ़ा रहे हैं।
शायद यही वजह है कि जब शनिवार को आईजी ऑफिस में एक ASI भावुक होकर रो पड़ा और उसने कहा कि मैंने अपने पूरे जीवन में ऐसा शानदार अफसर नहीं देखा है।
दरअसल ASI शिवमन कौशिक 20 बरसों से अपने घर से दूर बलरामपुर के बाद सूरजपुर में ड्यूटी कर रहे थे। पारिवारिक दायित्व की वजह से उन्हें अम्बिकापुर वापस आना था, लेकिन उन्होंने कई बार पुलिस अधीक्षक और पूर्व से आईजी को आवेदन दिया, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। लगातार समाचारों में आईजी के द्वारा व्हाट्सएप में निराकरण की खबरों को पढ़ने के बाद ASI के मन में यह आत्मविश्वास जागा कि इस बार मुझे निराशा नहीं होगी। उन्होंने सरगुजा आईजी को व्हाट्सएप में मैसेज कर अपना ट्रांसफर अम्बिकापुर कराने का आग्रह किया। इतना ही नहीं इस पुलिसकर्मी के यूनिवर्सिटी टॉपर पुत्र विक्रांत ने आईजी डांगी को व्हाट्सएप और फोन के माध्यम से बताया कि उसे पढ़ने के लिए बाहर जाना है लेकिन उनके पिता दूसरे जिले में पदस्थ होने की वजह से पारिवारिक परेशानियों से वह जा नहीं पा रहा है यदि उसके पिता अम्बिकापुर आ जाते हैं तो वह बाहर पढ़ने जा सकता है। इस समस्या को सुनते आईजी रतन लाल डांगी ने एएसआई का ट्रांसफर फौरन सूरजपुर से अंबिकापुर कर दिया। जिसके बाद एएसआई रतन लाल डांगी से मिलने उसके ऑफिस पहुंचा और शुक्रिया अदा करते करते हुए भावुक होकर फूट पड़ा। यह देख आईजी भी आउट हो गए और उन्होंने उसे अपने बेटे को पढ़ाने की बात कही।
IG रतनलाल डांगी ने कहा कि यह मेरा सामाजिक व नैतिक दायित्व है। मैं जिस पद पर बैठा हूं, उससे न सिर्फ विभाग बल्कि समाज के लोगों को भी ढेरों आशाएं हैं। दायित्वों के निर्वहन के अलावा जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की भी पूरी कोशिश करता हूं। सबसे जरूरी है मेरे संज्ञान में बातें आनी चाहिए ताकि मैं उसका निराकरण कर सकूं।

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