अगर है मिर्गी की बीमारी तो टेंशन न लें- डॉ. रामेश्वर शर्मा… पूर्ण उपचार से होती है यह बीमारी ठीक…आज राष्ट्रीय मिर्गी दिवस…
अनूप बड़ेरिया
मिर्गी एक तरह का जटिलरोग है जिसमें व्यक्ति की मस्तिष्क की कोशिकाओं नयूरांस में अचानक, असामान्य व अत्यधिक विद्युत संचार होने पर दौरा पड़ता है। भारत में, 17 नवंबर को हर साल मिर्गी के बारे में जागरूकता बढानेके लिए राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के रूप में मनाया जाता है। मिर्गी मस्तिष्क का एक पुराना विकार है जिसमें पुनरावर्ती दौरे या फिट पड़ते हैं।
इस सम्बंध में सीएमएचओ डॉ. रामेश्वर शर्मा ने बताया कि मिर्गी रोग साध्य है, बशर्ते इसका उपचार पूर्ण रूप से कराया जाए। इलाज में धैर्य आवश्यक होता है, यह इलाज तीन से पाँच वर्ष तक चल सकता है।
उन्होंने बताया दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से बिगड़ जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है। इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है, जैसे चेहरे, हाथ या पैर पर। इन दौरों में तरह-तरह के लक्षण होते हैं, जैसे बेहोश होना, गिर पड़ना, याहाथ-पांव में झटके आना। मिर्गी किसी एक बीमारी का नाम नहीं है। अनेक बीमारियों में मिर्गी जैसे दौरे आ सकते हैंऔर मिर्गी के सभी मरीज एक जैसे भी नहीं होते।
आमतौर पर मस्तिष्क की क्षति जैसे जन्म पूर्व या प्रसव कालीन चोट, जन्मजात असामान्यता, मष्तिष्क में संक्रमण, स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, सिर में चोट, बचपन में लंबे समय तक बुखार आदि मिर्गी के कारण होते यह रोग दिमाग में रक्त के संचरण अथवा तंतुओं में किसी प्रकार के विकार के कारण होता है। कई डॉक्टरों के अनुसार यह रोग पाचन क्रिया में गड़बड़ी के कारण होता है तथा इसके और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे- अत्यधिक शराब का सेवन करना, किसी प्रकार से सिर में चोट लग जाना, कोई बहुत बड़ा सदमा हो जाना, मानसिक तनाव आदि तथा मन में किसी प्रकार का डर बैठ जाना।
बेहतर इलाज से इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इलाज सिर्फ मेडिकल साइंस से ही संभव है, किसी झाड़-फूंक से नहीं।