समावेशी विकास में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर : प्रतिष्ठित पत्रिका ‘इंडिया टूडे’ की रैंकिंग : कृषि ऋण माफी, डीएमएफ के सदुपयोग और सार्वभौम पीडीएस ने बदली सूरत…
समावेशी विकास में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर : प्रतिष्ठित पत्रिका ‘इंडिया टूडे’ की रैंकिंग : कृषि ऋण माफी, डीएमएफ के सदुपयोग और सार्वभौम पीडीएस ने बदली सूरत
रायपुर. 25 नवम्बर 2019
छत्तीसगढ़ समावेशी विकास में देश में पहले स्थान पर है। प्रतिष्ठित साप्ताहिक पत्रिका ‘इंडिया टूडे’ द्वारा जारी समावेशी विकास में सर्वाधिक सुधार वाले 20 बड़े राज्यों की सूची में छत्तीसगढ़ सर्वोच्च स्थान पर है। किसानों की कर्जमाफी, जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) के प्रावधानों में संशोधन कर इसका उपयोग प्रभावितों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने वाले कार्यों में करने और सार्वभौम पीडीएस के जरिए सभी लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसे व्यापक तथा प्रभावी कदमों से प्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी का भी समावेशी विकास में बड़ा योगदान है। इस बहुआयामी योजना से प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि व संबद्ध क्षेत्रों को सुदृढ़ करने, पशुपालन, जल संरक्षण, बारिश के पानी से सिंचाई, रोजगार सृजन, जैविक खेती को बढ़ावा, किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी तथा पोषण जैसे अनेक क्षेत्रों में काम हो रहा है। डीएमएफ की राशि से खासतौर से आदिवासी बहुल और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में कल्याणकारी कार्यों का स्थानीय लोगों को सीधे लाभ मिल रहा है।
हर वर्ग के किसानों की ऋणमाफी और 2,500 रूपए में धान की खरीदी जैसे फैसलों ने छत्तीसगढ़ के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। जब पूरा देश मंदी की मार से जूझ रहा है, छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। सरकार की त्वरित, दूरगामी और कल्याणकारी योजनाओं से पिछले करीब एक वर्ष में यहां समावेशी विकास में बड़ा सुधार आया है। सरकार की जनहितैषी, जनकल्याणकारी कार्यों और निर्णयों का असर ‘इंडिया टूडे’ द्वारा जारी समावेशी विकास में सर्वाधिक सुधार वाले राज्यों की सूची में दिखाई दे रहा है, जिसमें छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है।