ग्रामीण सरकार 2020: नामांकन प्रक्रिया आज से आरंभ.. जिला पंचायत की हाई प्रोफाइल सीट क्रमांक 07 से वेदांती तिवारी के ताल ठोकने से कांग्रेस के तीन प्रत्याशी..कांग्रेस से मजबूत अनिल जायसवाल, रामकृष्ण भी..कांग्रेस संगठन को लगी है कड़ाके की ठंड.. भाजपा संगठन सक्रिय.. अनिल साहू का नाम किया आगे..रेवा यादव व विन्ध्येश भी मैदान में..
30 December 2019
ग्रामीण सरकार 2020: नामांकन प्रक्रिया आज से आरंभ.. जिला पंचायत की हाई प्रोफाइल सीट क्रमांक 07 से वेदांती तिवारी के ताल ठोकने से कांग्रेस के तीन प्रत्याशी..
कांग्रेस से मजबूत अनिल जायसवाल, रामकृष्ण भी..कांग्रेस संगठन को लगी है कड़ाके की ठंड.. भाजपा संगठन सक्रिय.. अनिल साहू का नाम किया आगे..रेवा यादव व विन्ध्येश भी मैदान में..
अनूप बड़ेरिया
नगरीय निकाय चुनाव के बाद अब ग्रामीण सरकार 2020 का बिगुल बज चुका है। जिला प्रशासन ने भी त्रिस्तरीयपंचायत अर्थात जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत के चुनाव की संपूर्ण तैयारी कर ली है। 30 दिसंबर से नामांकन की प्रक्रिया आरंभ भी हो चुकी है।
कोरिया जिला पंचायत की सबसे हाईप्रोफाइल प्रोफाइल मानी जाने वाली अनारक्षित पुरूष वर्ग के लिए क्रमांक 7 सीट कुड़ेली-सरभोका पर सभी की निगाहें रहती हैं। वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस समर्थित राम कृष्ण साहू जिला पंचायत सदस्य के रूप में है। उन्होंने नामांकन फार्म बी खरीद लिया है
हर बार की तरह इस बार भी त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव गैर दलीय आधार पर हो रहे हैं । यदि बात कांग्रेस पार्टी की की जाए तो कांग्रेस ने अभी तक अभी तक किसी भी प्रत्याशी को घोषित रूप से अपना समर्थन नहीं दिया है बताया जाता है कि विधायक श्रीमती अंबिका सिंहदेव ने इसके लिए पूरी तरह कॉंग्रेस संगठन के ऊपर जिम्मेदारी दे दी है। बावजूद इसके कांग्रेस संगठन कड़ाके की ठंड की चपेट में आकर पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रहा है जबकि इससे विपरीत भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ने सभी मंडलों के अलावा जिला मुख्यालय में बैठक लेकर संभावित प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा कर उनकी सूची भी बना ली है। वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की शुरुआत ही नहीं की गई है। यही वजह है कि वर्तमान जिला पंचायत सदस्य रामकृष्ण साहू अपने आपको पार्टी का कंफर्म संभावित समर्थित प्रत्याशी मानकर जोर शोर से डोर टू डोर जनसम्पर्क कर अपना प्रचार आरंभ कर दिए हैं। वही वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल ने भी इस बार जिला पंचायत का चुनाव लड़ने का पूरा मन बना लिया है और वह भी अपने समर्थकों के साथ जोर-शोर से मैदान में आकर अपने अभियान को गति देने में लग गए हैं। जिस तरह जनपद का कार्यकाल उनका काफी सराहनीय व शानदार रहा है इसका लाभ उन्हें निसंदेह जिला पंचायत के चुनाव में जरूर मिलेगा। कांग्रेस समर्थित के रूप में सबसे मजबूत प्रत्याशी के रूप में फिलहाल अनिल जायसवाल ही नजर आ रहे हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव तथा दो बार एमएलए का चुनाव लड़ चुके वेदांती तिवारी ने भी राजनीति में सक्रिय रहने के लिए इसी क्षेत्र से ताल ठोक दी है जिससे अब कांग्रेस संगठन के सामने भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, शायद यही वजह है कि कॉंग्रेस संगठन चुपचाप मौन रहकर अपने पत्ते नहीं खोल रहा है बाद में जो जीता वह पार्टी समर्थित की तर्ज पर तमाशा देख रहा है। वेदांती तिवारी यदि चुनाव लड़ते हैं तो संभव है कि उन्हें दो बार विधायक का चुनाव लड़ने के अनुभव का लाभ मिल सकता है और वह क्षेत्र में जाना माना चेहरा भी हैं।
वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से संगठन की ओर से अनिल साहू का नाम जोर शोर से चल रहा है संभवत संगठन अनिल साहू के नाम पर अंतिम मुहर लगाएगी और हरी झंडी मिलने की वजह से ही साहू जोर-शोर से भिड़ गए हैं। अनिल साहू का प्रचार अभियान भी जोरों पर नजर आ रहा है। साहू समाज का प्रत्याशी होने का उन्हें फायदा मिल सकता है। वहीं पिछला चुनाव कुछ वोटों से हारने वाले रेवा यादव ने भी सक्रियता दिखाते हुए एक बार फिर अपना जनसम्पर्क तेज कर दिया है पिछली बार साहू समाज की भाजपा से नाराजगी और भाजपा वालों की ही भितरघात की वजह से रेवा यादव पराजित हुए थे। पिछले बार की तुलना में इस बार रेवा यादव काफी मजबूत नजर आ रहे हैं वही पिछली बार अंतिम समय में अपना नाम वापस लेने वाले विन्ध्येश पांडेय भी चुनाव प्रचार में उतर गए हैं।
अब देखना यह है कि पार्टी किसे अपना समर्थन देती है। फिलहाल तो प्रत्याशियों की आपस में ही नूरा कुश्ती जारी है। पार्टी का समर्थन जिस प्रत्याशी को मिलेगा, उसी के आधार पर आगे की जीत-हार तय मानी जाएगी। फिलहाल तो इतना ही कह सकते हैं कि संगठन की सक्रियता के मामले में भाजपा आगे हैं।
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