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न अलाव..न रैन बसेरा..कड़ाके की ठंड में कहां जमाएं डेरा..बेमौसम बरसात..किसान और व्यापारी को आघात…

न अलाव..न रैन बसेरा..कड़ाके की ठंड में कहां जमाएं डेरा..बेमौसम बरसात..किसान और व्यापारी को आघात…

 
मनेन्द्रगढ़ से ध्रुव द्विवेदी
दो दिनों से मौसम बदलाव के कारण ठंड में जबरदस्त इजाफा हुआ है। ठंड के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं ।वहीं ग्रामीण इलाकों में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।
 यहां शहरी इलाके में अलाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग काफी परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि बीते 31 दिसंबर की शाम से इलाके में लगातार बारिश जारी है। बे मौसमी बारिश के चलते जहां ठंड में इजाफा हुआ है, वहीं शहर का कारोबार भी काफी प्रभावित हुआ है। बुधवार को दिन में पानी गिरने कारण छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में भी किसान काफी परेशान है। धान की बिक्री समय पर ना होने के कारण कई किसानों को धान के भीगने व खराब होने की चिंता सताने लगी है। शहर में ठंड का प्रकोप इतना ज्यादा है कि सुबह 10:00 बजे तक सड़कों पर सन्नाटा पसरा  रहता है। वहीं शाम ढलते ही सड़के फिर से वीरान हो जाती हैं।
लोगों का कहना है कि सरकार चुनाव में व्यस्त है। अधिकारी चुनाव करवाने में व्यस्त हैं। ऐसे में शहर के 22 वार्डों में कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं हो पाई आखिर यह देखना किसकी जिम्मेदारी है । वहीं शहर में कहीं भी रैन बसेरा नहीं है जिससे बाहर से आए ग्रामीणों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है। ठंड के कारण स्कूलों की छुट्टियां भी बढ़ा दी गई है। ठंड के चलते लोग जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकाल रहे हैं जिसका प्रभाव बस स्टैंड में साफ देखा जा सकता है। शहर, बाजार सभी वीरान पड़े हुए हैं। आम जनों ने इस संबंध में नगर पालिका परिषद के जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा है कि बढ़ती ठंड को देखते हुए शहर में शीघ्र अलाव की व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे लोगों को राहत मिल सके।

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