नगरीय निकाय की विशेष सचिव अमरमेल मंगई डी पर होगी कोर्ट के अवमानना की कार्यवाही.. नोटिस जारी..आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा की याचिका…मामला चिरमिरी ननि के गौरव पथ की राशि को यूटीआई में निवेश का..
नगरीय निकाय की विशेष सचिव अमरमेल मंगई डी पर होगी कोर्ट के अवमानना की कार्यवाही.. नोटिस जारी..आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा की याचिका…मामला चिरमिरी ननि के गौरव पथ की राशि को यूटीआई में निवेश का..
अनूप बड़ेरिया
कोरिया जिले के चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा के द्वारा प्रस्तुत किए गए अवमानना याचिका पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय रायपुर के विशेष सचिव देवी अमरमेल मंगई डी के विरुद्ध अवमानना पर कार्यवाही करने का नोटिस जारी हुआ है।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा नगर पालिक निगम चिरमिरी जिला कोरिया छत्तीसगढ़ (निगम चिरमिरी) को गौरव पथ निर्माण हेतु 04 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपए उपलब्ध कराए गए थे. यह राशि विभिन्न बैंकों में फिक्स डिपॉजिट के रूप में जमा थी. निगम चिरमिरी के तात्कालिक प्रभारी आयुक्त प्रमोद शुक्ला और आर. पी. सोनकर के द्वारा इस राशि में से 02 करोड़ 50 लाख रुपए का यूटीआई का शेयर खरीद लिया गया. प्रमोद शुक्ला प्रभारी आयुक्त निगम चिरमिरी के पद पर पदस्थापना के दौरान गौरव पथ निर्माण हेतु प्रदत्त राशि से यूटीआई के यूनिट क्रय कर निकाय को आर्थिक क्षति पहुंचाने के कारण राज्य सरकार के द्वारा विभागीय जांच आरंभ की गई, श्री प्रमोद शुक्ला को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत राज्य शासन द्वारा आगामी 2 वेतन वृद्धिया संचई प्रभाव से रोकने तथा आर्थिक क्षति की राशि ₹5,82,536 वसूल किए जाने के दंड से दंडित किया गया है. श्री आर.पी. सोनकर सहायक अभियंता को निगम चिरमिरी में प्रभारी आयुक्त के पद पर पदस्थापना के दौरान गौरव पथ निर्माण की राशि से यूटीआई के यूनिट खरीदकर निकाय को आर्थिक क्षति पहुंचाने के कारण विभाग के द्वारा विभागीय जांच आरंभ की गई. इस कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत राज्य शासन द्वारा श्री आर.पी. सोनकर, सहायक अभियंता को आगामी दो वेतन वृद्धिया संचाई प्रभाव से रोकने तथा आर्थिक क्षति की राशि ₹6,14,782 वसूल करने के ढंग से दंडित किया गया. उक्त दोनों अधिकारियों ने उपरोक्त दंड के विरुद्ध विभाग में निर्धारित समय के भीतर अपील प्रस्तुत किया. आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना का अधिकार पर दिए गए जानकारी के अनुसार यह अपील प्रस्तुत किए करीब 4 वर्ष हो चुका है. दिनांक-03.06.2018 की स्थिति में भी उपरोक्त अपील विचाराधीन था. अब तक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग रायपुर द्वारा इस अपील का निराकरण नहीं किया गया है.
सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र दिनांक 19.04.1974 मैं सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत प्रस्तुत अपील की तिथि से 6 माह के भीतर प्रकरण में निर्णय लिए जाने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं. इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने कई अनुरोध किया कि उपरोक्त प्रकार के अपील का निराकरण निर्धारित समय के भीतर किया जाए .जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा ना तो नियमों का पालन किया जा रहा था और ना ही आरटीआई कार्यकर्ता के अनुरोध पर कोई ध्यान दिया जा रहा था.
उक्त तथ्यों से व्यथित होकर आरटीआई कार्यकर्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका सिविल WPC-1064/2019 प्रस्तुत कर न्यायालय से मांग किया कि विभागीय जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों के द्वारा विभाग प्रमुख को पेश किए गए अपील का निराकरण निर्धारित समय सीमा के भीतर करने का निर्देश दिया जाए।
आरटीआई कार्यकर्ता के इस रिट याचिका पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने दिनांक 16.04.2019 को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के विशेष सचिव को निर्देश दिया कि इस अपील का निराकरण अग्रिम 3 माह के भीतर किया जाए. आरटीआई कार्यकर्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के इस आदेश को दिनांक 29.04.2019 को नगरीय निकाय के विशेष सचिव को प्रेषित कर अवगत करा दिया.
विशेष सचिव के द्वारा इस निर्धारित समय सीमा के भीतर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के इस आदेश का पालन नहीं करने के कारण आरटीआई कार्यकर्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका क्रमांक-1074/2019 प्रस्तुत किया. जिसमें उच्च न्यायालय ने दिनांक 17.12.2019 को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के विशेष सचिव देवी अमरमेल को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न उनके विरुद्ध अवमानना की कार्यवाही किया जाए।