♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

पाटन क्षेत्र का प्रथम कालेज आज भी उपेक्षित, 30 वर्ष पहले का सेटअप अब भी जारी, 9 पीजी क्लास में 18 प्राध्यापक के पद रिक्त, जन भागीदारी से हो रहा संचालन

पाटन (संदीप मिश्रा)। दुर्ग जिले का ग्रामीण पाटन का प्रथम कालेज में सुविधा अभाव बना हुआ है। वर्ष 1989 से संचालित कालेज में अभी तक समुचित सुविधा का अभाव ही रहा हैं जिले के अन्य कालेजों के अपेक्षा इस कॉलेज का विकास नहीं दिखा।
सेटअप का नही हुआ प्रोग्रेस:- पाटन कालेज उपेक्षित है इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि सन1989 में जब कालेज प्रारंभ हुआ तो विद्यार्थियों की दर्ज संख्या 69 थी तब शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने 1 प्राचार्य,13 प्राध्यापक,1 स्पोर्टस् ऑफि सर का सेटअप मिला था, लेकिन 30 साल बाद अब विद्याथियों की दर्ज संख्या 1500 से भी अधिक हो चुकी है। लेकिन शिक्षा देने वाले की संख्या नही बढ़ी ऐसे में उच्च शिक्षा के लिये क्या उम्मीद की जा सकती हंै?
जनभागीदारी पर निर्भर:-इन बीते 30 वर्षो में महाविद्यालय में प्रगति नही हुई ऐसी बात नही जो भी प्रगति हुई वह जन भागीदारी के माध्यम से आज 13 विषय स्नातक एवं स्नातकोत्तर की 9 क्लास संचालित हो रही है। स्नातकोत्तर की क्लास जन भागदारी एवं स्ववितीय से संचालित हो रही है। ज्ञात हो कि पीजी की क्लास वर्ष 2011 से संचालित हो रही है 8 साल बाद भी शासन 9 पीजी क्लास में शासकीय प्राध्यापक की नियुक्ति नही कर पाया है जिसके चलते क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश के छात्र- छात्राओं को अत्यधिक आर्थिक बोझ पड़ता है जबकि नियमत: 3 साल बाद शासकीय हो जाना चाहिए मजे की बात यह है आज तक पीजी क्लास के लिये पद भी स्वीकृत नही किया गया है। 9 पीजी क्लासेस के लिये 18 प्रधायपक की नियुक्ति एवं 5 कार्यालयीन कर्मचारी का वेतन जन भागदारी से दिया जाता है इस तरह विद्यार्थियों से लिया गया जन भागीदारी का शुल्क का 80 प्रतिशत हिस्सा इनके वेतन में निकल जाता है जिससे कालेज के अन्य विकास: कार्य नही हो पा रहा है।
अन्य विषय के लिये भी पीजी क्लास:- आज के समय में उच्च शिक्षा के लिये इंग्लिश का बहूत ही महत्व हो गया है इस कॉलेज में भी अंग्रेजी साहित्य विषय की पढ़ाई जरूरी है इसके अलावा फिजिक्स एवं एम. कॉम की क्लास की आवश्यकता है जिसे सरकार के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिये।
प्राचार्य का पद रिक्त:-जिले के राजनीती में जबरदस्त दखल रखने वाले पाटन के इस कॉलेज में एक साल से अधिक समय हो गया प्राचार्य का पद रिक्त है। डॉ. कल्पना शर्मा के स्वेक्षिक सेवानिवृत होने के पश्चात नए प्राचार्य की नियुक्ति नही हो पाई है। जिससे बहुत काम समय पर नहीं हो पाते।
गल्र्स हॉस्टल नहीं हुआ शुरू:-पाटन कालेज परिसर में गल्र्स हॉस्टल 6 साल से बनकर तैयार है फर्नीचर भी है, स्टाफ के अंतर्गत महिला वार्डन,के अलावा अन्य पद भी मंजूर किया जा चूका है लेकिन सुरक्षा के हिसाब से हास्टल में बाउंड्री वाल नही बन पाया है जिसके चलते हास्टल प्रारंभ नहीं किया जा सका है। इस कालेज में लड़कियों की संख्या कुल दर्ज संख्या में 60 प्रतिशत के आस-पास है इस कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुयट करने के लिये अन्य जिलों से पढऩे आते है ऐसे में इन छात्राओं के लिए किराया का मकान ही सहारा होता है दूसरी बात असुरक्षा का भय भी बना रहता है। कालेज का बाउंड्री वाल भी बहुत जरूरी है दीवाल नहीं होने से असमाजिक तत्वों का जमावड़ा बना रहता है, जबकि बहुत वर्षो बाद प्रारंभ हुए जामगांव आर कालेज का बाउण्ड्री बनकर तैयार हो गया है।
प्रयोग शाला तकनीशियन:-इस कॉलेज की बड़ी विडम्बना है कि इस कालेज में प्रारम्भ से ही जूलॉजी विषय में प्रयोगशाला तकनीशियन का पद ही स्वीकृत नहीं की गई है। जिससे प्रेक्टिकल के अलावा अन्य समय में विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
अन्य सुविधाओं की दरकार:- पाटन कालेज में एक ऑडिटोरियम, एटीएम लगाने की जरूरत महसुस किया जा रहा है।
मेधावी है कालेज के विद्यार्थी:-प्रोफेसरों की कमी से जूझ रहे कालेज में अन्य सुविधाओं का भी अभाव बना रहता है उसके बाद भी प्रत्येक वर्ष किसी ना किसी विषय विश्वविद्यालय स्तर पर प्रविण्य सूचीं में अपना स्थान बनाकर पाटन का नाम रोशन किया है खेल कूद में भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहुंच बनाई है। एनसीसी में भी विश्वविद्यालय में नाम है एनएसएस के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाता है रेड क्रॉस सोसायटी में विद्यार्थियों के द्वारा जनता को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने कई शिविर लगाये जाते है। अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इस कॉलेज के विद्यार्थियों ने अपना स्थान बनाया है।
सड़क खराब:-बड़ी दिक्कत यह है कि कॉलेज तक पहुचने के लिये सड़क भी खराब है इस सड़क की चौड़ा करने की आवश्यकता है। प्रयास जारी रहे है, ऐसे नहीं है कि कॉलेज की समस्या को बताया नहीं गया है प्रत्येक वर्ष कालेज के प्राचार्य के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग को प्रतिवेदन भेजा जाता है इसके अलावा जन भागीदारी समिति के माध्यम से उच्च शिक्षा मंत्री को कालेज के विकास: के लिये ज्ञापन सौपा गया है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close