पोषण के साथ मिल रही बच्चो को आरंभिक शिक्षा, एमसीसीआर के सदस्यो ने किया दुर्ग ब्लॉक के आगनबडियों का निरीक्षण, सीएलआर व ईसीसीसीई के तहत हो रहे अनुकरणीय कार्य
दुर्ग। आगनबाडिय़ों में जाने वाले 3 से 6 वर्ष के बच्चों को पोषण के साथ- साथ अब उनके आरंभिक शिक्षा पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सेंट्रल फॉर लर्निंग रिसोर्स ( सीएलआर) के साथ अर्ली चाइल्ड केयर एंड एजुकेशन ( ईसीसीई) द्वारा काफ अच्छा काम किया जा रहा है। इन्हीं के कार्यो को देखने व इसका लाभ बच्चों को किस तरह से मिल रहा है इसे समझने के लिए मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स ( एमसीसीआर) के सदस्यों की टीम दुर्ग ब्लॉक के आंगनबाड़ी में पहुंचे। इसके बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग से मिलकर जानकारी साझा भी किया। उन्होंने एमसीसीआर के सदस्यों के सवालों का जवाब भी दिया गया। यूनिसेफ के सहयोग से एमसीसीआर के सदस्यो ने दुर्ग ब्लॉक के ग्रामीण परियोजना के वार्ड 12 स्थित बोरसी के आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे। इसके अलावा कातुलबोड के भी आंगनबाड़ी में टीम के सदस्य पहुंचे। 10 सदस्यीय इस टीम के साथ महिला बाल विकास विभाग के दुर्ग ग्रामीण परियोजना अधिकारी अजय साहू, सीएलआर की टीम भी शामिल थे। इन आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण के साथ-साथ पढ़ाई पर भी फोकस किया गया है। इसी तथ्य से ईसीसीई आरंभिक देखभाल के साथ बच्चों की शिक्षा पर किस तरह से काम किया जा रहा है इसे देखा गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती ननकी लहरी ने बच्चों को किस तरह से शारीरिक विकास, भाषा विकास, चित्रों से पहचान, सहित खेल-खेल में किस तरह से अपने आस-पास के वस्तुओ की पहचान करने की शिक्षा कैसी दी जा रही है इसके बारे में जानकारी दिया। बच्चों के साथ गतिविधी आधारित शिक्षा की जानकारी भी दी गई। सुपरवाइजर श्रीमती सीमा मिश्रा ने भी सीएलआर व ईसीसीई के कार्यो की जानकारी दिया। इसके बाद महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी किरण सिंह से भी मुलाकात कर निरीक्षण के दौरान जो विषय सामने आया उसे शेयर किया। इस अवसर पर यूनिसेफ के सेम बांडी, श्याम सर, एमसीसीआर सदस्य सन्दीप मिश्रा, बलराम यादव, किशन हिरवानी, विक्रम शाह, संजय साहू, खिलेश साहू सहित अन्य मौजूद थे।