आईजी की युवाओ से अपील… साम्प्रदायिक सौहार्द व कानून व्यवस्था बनाने में पुलिस का सहयोग करे..सोशल मीडिया में आपके हर पोस्ट पर पुलिस की नजर..
छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं से अपील करते हुए कहा कि देखने मे आया है कि लोग साम्प्रदायिक सौहार्द्र के विपरीत सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहें हैं। ऐसे समय में सभी से निवेदन है कि सोशल मीडिया पर पूर्ण रूप से ऐहतियात बरतें।
बेबुनियाद और अफवाहों पर आधारित मैसेज को फॉरवर्ड नहीं करें। शांति और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।
याद रखें.. आपकी प्रत्येक अवांछित गतिविधि पर पुलिस की नजर है। इसलिए कोई भी ऐसा कृत्य नहीं करें जिससे आप और आपके परिवार को कोई कानूनी कार्रवाई की परेशानी उठानी पड़े।
सोशल मीडिया पर असंसदीय व नफरत की भाषा का इस्तेमाल न करना भी राष्ट्रभक्ति एवम् देश सेवा ही है।
सोशल मीडिया एक प्लेटफार्म है एक दूसरे से जुड़ने का,एक दूसरे से कुछ सीखने का, एक दूसरे के दुःख मे, परेशानी में, मुसीबत में उनका साथ देने का, हौसला बढ़ाने के लिए है न कि किसी जाति, धर्म, संप्रदाय, क्षेत्र के नाम पर नफरत फैलाने ,उसकी आलोचना करने,किसी को नीचा दिखाने ,लोगों को हिंसा करने के लिए उकसाने के लिए ।
आजकल देखने में आ रहा है कि कई लोग न केवल युवा बल्कि उम्र मे अपने आपको अनुभवी कहने वाले भी सोशल मीडिया का उपयोग केवल केवल नफरत फैलाने, हिंसा फैलाने, अपने जाति,संप्रदाय को अन्य से उच्च एवम् दूसरे को निम्न साबित करने में लगे रहकर न केवल स्वयं का बल्कि देश व मानवता के दुश्मन बन रहे है।
आईजी ने युवाओं के नाम सम्बोधन में कहा कि…
युवा साथियों,
हम सबको इस दुनिया में मानवता का भला करने के लिए, एक दूसरे की मदद करने तथा इस दुनिया को ही स्वर्ग बनाने के लिए जिस भी शक्ति को हम मानते है उन्होंने भेजा है। न कि इस दुनिया में इंसानों के बीच वैर भाव पैदा कराने, द्वेष फैलाने, नफरत फैलाने, एक दूसरे का खून बहाने भेजा है।हम एक दूसरे के साथ सहयोग करके ,प्यार से,सबको अपना ही समझने से ही इंसानियत के लिए कुछ कर पाएंगे ।
हर नागरिक को संविधान ने कई अधिकार दिए है।
जो बात आपको बुरी लगती है,भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, वो दूसरे को भी ठेस पहुंचाती हैं। जो आपको पसंद नहीं वो सामने वाले को भी नहीं है।
लोग जानबूझकर या किसी के बहकावे में आकर, जाति, धर्म, संप्रदाय, देवी देवताओं, महापुरुषों को लेकर असंसदीय शब्दों का प्रयोग करके न केवल अपने संस्कारों का परिचय देते हैं बल्कि अपने लिए कानूनी कार्यवाही को भी आमंत्रित कर लेते हैं।युवा कानूनी कार्रवाई में पड़कर अपना भविष्य भी खराब कर रहे हैं।जिनके बहकावे में या प्रभाव में आकर ऐसा करते है वो केवल आपका इस्तेमाल कर रहे हैं।किसी के बहकावे में आकर किसी की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाए । हम सब एक देश के नागरिक है,संविधान ने सभी नागरिकों को एक जैसा माना है, वो भेदभाव नहीं करता तो आप ऐसा क्यों कर रहे हैं ? इस प्रकार के विभाजन ने भारत का पहले ही इतना नुकसान कर दिया हैं कि उसकी भरपाई मे अभी भी कई सालों लग जाएंगे। उन्होंने कहा..
हम सब भारतीय है। इसे महान बनाने में योगदान दीजिए न कि कमजोर करने में।