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आखिरकार शुरू हुई खाद्य पदार्थो की कालाबाजारी…लॉक डाउन के दूसरे दिन से अचानक बढ़ गए दाम…दुकानदार की दो टूक लेना तो लो…ग्राहक मजबूर…होल सेलर भी कर रहे मनमानी…

जिसका डर था आखिरकार वही हुआ अब रोजमर्रा की चीजों में आसमानी व्रद्धि दुकानदारों द्वारा कर दी गयी है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण समूचे छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन कर दिया गया। जिसकी वजह से केवल अब जरूरी चुनिंदा सेवाओं के लिए कुछ दुकानों को ही खोले जाने की अनुमति दी गयी।
अब ऐसे में जब ट्रांसपोर्ट सुविधा भी बन्द है और खुदरा व थोक व्यापारियों के पास पुराने स्टॉक का माल है इसके बावजूद लॉक डाउन के दूसरे दिन से ही आम जरूरत की चीजों में अच्छी खासी व्रद्धि कर दी गयी है। खाने वाला रिफाइन तेल 95 ₹ से सीधा 105 ₹ का एक लीटर पाउच कर दिया गया। इसी प्रकार 48 ₹ किलो बिकने वाले चावल को 60-80 ₹ किलो बेचा जा रहा। वही 80 वाली रहर दाल सीधे 110-120 ₹ किलो गयी है। इसी प्रकार मुरमुरा 50 से सीधे 100 ₹ किलो बेचा जा रहा है। इसी प्रकार अनेक सामनो में मनमाना दर लिया जा रहा है। अभी केवल एमआरपी वाले सामनो को ही निर्धारित दर पर बेचा जा रहा है। यदि कोई ग्राहक मनमानी दर का विरोध कर रहा है तो उससे सीधे कहा जा रहा है कि सामान लेना हो तो लो…मजबूरन ग्राहकों को सामान लेना पड़ रहा है। वहीं इस सम्बंध में फुटकर दुकानदारों ने बताया कि लोकल के ही होलसेल विक्रेता अब रेट बढ़ा कर दे रहें हैं तो हम क्या कर सकते हैं। जबकि अभी मॉल ढोने वाले ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बन्द है ऐसे में ऊपर से भी रेट बढ़ कर नही आ रहा है। इससे साफ है कि व्यापारियों द्वारा काला बाजारी की जा रही है जो दण्डनीय अपराध भी है। हाल ही में अभी कुछ मेडिकल स्टोर वाले भी मास्क और सेनेटाइजर की कालाबाजारी में लिप्त थे पर प्रशासन इक्का-दुक्का ही कार्यवाही कर पायी। लोगो ने जिला प्रशासन से अपील की है ऐसे दुकानदारों पर कड़ी निगरानी रख कार्यवाही करें।

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