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सामरी खनन क्षेत्र में सामुदायिक विकास का तानाबाना बुन रहा हिंडाल्को…आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए बढ़ाया कदम…

स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को संबल बना रहा हिंडाल्को
6 हजार फेस मास्क बनाकर आय में वृद्धि कर बनी आत्मनिर्भर
जल्द ही दोना पत्ता बनाने की तैयारी, एनआरएलएम उपल्बध कराएगा बाजार
सामरी खनन क्षेत्र में सीएसआर के जरिए हिंडाल्को ने किए कई महत्वपूर्ण कार्य
स्वास्थ्य, शिक्षा और सामुदायिक विकास के लिए चल रहे हैं कई कार्यक्रम

सामरी। कोरोना के खिलाफ़ जारी जंग के बीच उत्पन्न परिस्थिति से निबटने के लिए देश की अग्रणी कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने स्थानीय स्तर पर अपने सस्टेनिबिलिटी कार्यक्रम के तहत आर्थिक आत्मनिर्भता के लिए एक कारगर प्रयास किया है। कंपनी द्वारा गारे सामरी खनन क्षेत्र की महिलाओं को सीधे रोजगार से जोड़ने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कुदाग, गोपातु और राजेंद्रपुर में चल रहे टेलिरंग सेंटर में फेस मास्क बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। महिलाओं ने अपने द्वारा तैयार करीब 6 हजार से ज्यादा फेस मास्क से आय का सृजन किया है और आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर ठोस कदम उठाया है। यही नहीं हिंडाल्को द्वारा सामरी खनन क्षेत्र के कुदाग गांव में स्वंय सहायता समूह की महिलाओं के लिए जल्द ही दोना पत्ता बनाने की मशीन उपलब्ध कराया जाएगा जिसके द्वारा स्थानीय महिलाएं दोना पत्ता का निर्माण कर सकेंगी। उनके द्वारा तैयार उत्पाद हिंडाल्को सीधे बाजार उपलब्ध कराएगा।

इस बारे में बात करते हुए सामरी माइन्स, हिंडाल्को के यूनिट हेड राजेश रंजन अमबष्ठ ने बताया कि “कोरोना के संक्रमण बीच उत्पन्न हुए हालात में चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता सबसे जरूरी है। हम अपने सस्टेनिबिलीटी कार्यक्रम के द्वारा स्थानीय महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के तहत फेस मास्क तैयार करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं । जल्द ही इनके लिए दोना पत्ता निर्माण के लिए उन्हें मशीन उपलब्ध कराया जाएगा और उनके द्वारा तैयार सामान को एनआरएलएम के माध्यम से सीधे बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास है ताकि यह उनके लिए आय का साधन बन सके। “

उल्लेखनीय है कि हिंडाल्को द्वारा सीएसआर के तहत पूरे सामरी खनन क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना, पेयजल व अन्य क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। कंपनी द्वारा स्वयं सहायता समहू की महिलाओं के लिए संचालित टेलरिंग सेंटर में स्थानीय महिलाएं प्रशिक्षण पाकर अब उत्पाद तैयार करने लगी हैं। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए इन्होंने स्वच्छ और संक्रमणमुक्त माहौल में फेस मास्क का निर्माण किया है।
वहीं हिंडाल्कों के माइनिंग हेड श्री प्रमोद उंडे ने बताया कि कंपनी अपने सामुदायिक जिम्मेवारियों के प्रति सजग है और स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर कई सस्टेनीबिलिटी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

कोविड 19 की चुनौतियों से निबटने के लिए हिंडाल्को द्वारा पूरे सामरी खनन क्षेत्र में कोरोना से बचाव के लिए स्थानीय लोगों के बीच आवश्यक राहत व बचाव सामग्री का वितरण किया जा चुका है। सामरी, गोपातु, सरायडीय, बाटा, टाटीझरिया आदि जगहों पर फेस मास्क, हैंडवाश आदि का वितरण किया जा चुका है। साथ कंपनी द्वारा समय समय पर लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

“कोरोना के संक्रमण बीच उत्पन्न हुए हालात में चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता सबसे जरूरी है। हम अपने सस्टेनिबिलीटी कार्यक्रम के द्वारा स्थानीय महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के तहत फेस मास्क तैयार करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं । जल्द ही इनके लिए दोना पत्ता निर्माण के लिए उन्हें मशीन उपलब्ध कराया जाएगा और उनके द्वारा तैयार सामान को एनआरएलएम के माध्यम से सीधे बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास है ताकि यह उनके लिए आय का साधन बन सके। “
राजेश रंजन अमबष्ठ, यूनिट हेड- सामरी माइन्स, हिंडाल्को

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