♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

बड़ी खबर::शादी घर निर्माण में विवाद के बाद लगा ग्रहण..हाईकोर्ट का आया यह आदेश… स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में भी लग चुकी है रोक..

अनूप बड़ेरिया
बैकुंठपुर// नगरपालिका परिषद बैकुन्ठपुर व्दारा लगभग डेढ़ करोड़ रुपए के लागत से बनने वाले शादी घर पर ग्रहण लगता दिखाई पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि बैकुन्ठपुर में शादी घर की आवश्यकता को देखते हुए 23 मार्च 2017 को बैकुन्ठपुर प्रवास पर आए तत्कालीन नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने बैकुन्ठपुर में शादी घर निर्माण कराए जाने की घोषणा की थी।
घोषणा के अनुसार तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी अशोक शर्मा बने 25 मार्च 2017 को कलेक्टर को पत्र लिखकर शादी घर निर्माण के लिए हाई स्कूल के सामने डब्बा क्वार्टर की भूमि का चयन, शादी घर के लिए परिषद व्दारा किये जाने का उल्लेख करते हुए हाई स्कूल के सामने की भूमि खसरा क्रमांक 389 / 1 एवं 390 की मांग की। 21 फरवरी 2018 को मंत्री अमर अग्रवाल के व्दारा पंडित दीन दयाल उपाध्याय सर्व मांगलिक भवन निर्माण एवं छठ घाट के निर्माण की मंजूरी देतु हुए शादी घर के लिए डेढ़ करोड़ की राशि बैकुन्ठपुर नगरपालिका को आबंटित कर दी।
तमाम शासकीय औपचारिकता को पूरा करते हुए 31 जनवरी 2019 को तत्कालीन कोरिया कलेक्टर नरेन्द्र दुग्गा ने नगरपालिका के मांग पर राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे हाई स्कूल के सामने की भूमि खसरा नम्बर 389 / 1 एवं 390 रकबा 0.620 हे० शादी घर के लिए टोकन दर पर लगभग 67 हजार रुपए में देने का आदेश पारित किया। नगरपालिका ने शासकीय कोष में राशि जमा करा कर शहर के मध्य शादी घर निर्माण हेतु उपयुक्त भूमि प्राप्त कर ली।
नगरपालिका व्दारा 26 फरवरी 2020 को हाई स्कूल के सामने शादी घर निर्माण के लिए निविदा का प्रकाशन कराया गया एवं 2 मई 2020 को निविदा खोली गई जिसमें ओझा कंस्ट्रक्शन सूरजपुर ने 12.44 प्रतिशत कम रेट में लगभग 1 करोड़ 29 लाख का रेट डालकर सफल निविदाकार रहे। इसकी वित्तीय स्वीकृति 22 अगस्त 2020 को तत्कालीन कलेक्टर सत्यनारायण राठौर व्दारा प्रदान की गई।
वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद ओझा कंशट्रक्शन को शादी घर निर्माण का वर्क आर्डर दिया जाना था किन्तु मनमाने ढंग से बिना किसी शासकीय औपचारिकता पूरी किए ओझा कंस्ट्रक्शन का वर्क आर्डर निरस्त कर शहर के बाहर एक ऐसी विवादित भूमि को शादी घर के लिए राजनैतिक दबाव में चुना गया जिसमें स्थानीय बिल्डर के व्दारा बाउन्ड्री वाल बना कर घेरावा कराया गया था। जानकारी के मुताबिक सिर्फ इसी वजह से उस भूमि का चयन शादी घर के लिए किया गया जबकि उस भूमि के लिए नगरपालिका के व्दारा कोई शासकीय औपचारिकता पूरी नहीं की गई है।
दूसरे की निजी भूमि को पहले गलत ढंग से शासकीय भूमि के रूप में दर्ज किया गया और फिर उस छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि को त्रुटि पूर्ण आदेश पारित करते हुए नगरपालिका को शादीघर के लिए दे दिया गया।
शादी घर के लिए नगरपालिका ने दोबारा टेंडर निकाला और जो शादी घर का निर्माण 1 करोड़ 29 लाख में हो रहा था उस काम को 1 करोड़ 63 लाख में दिया गया यानि इसमें भी 34 लाख रुपए की गड़बड़ी हुई ।
जिसकी शुरुआत ही विवाद से हो उसमें कोई भी काम अविवादित कैसे हो सकता है स्थानीय विधायक के व्दारा चेर की भूमि में शादी घर के निर्माण का शिलान्यास हुआ लेकिन नगरपालिका के अध्यक्ष एवं पार्षदों को तवज्जो नहीं दिए जाने के कारण वह कार्यक्रम भी खासा विवादित रहा ।
इसी बीच वास्तविक भूमि स्वामी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की कि उसके जमीन को गलत ढंग से शासन के मद में दर्ज कर उसमें शादी घर बनाया जा रहा है जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए कलेक्टर कोरिया एवं तहसीलदार बैकुन्ठपुर को निर्देशित किया कि दो माह के अन्दर भूमि का सीमांकन कर उसके वास्तविक भूमि स्वामी को दिया जाए साथ ही उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि जब तक ऐसा नहीं कर दिया जाता तब तक उसके भूमि में कोई दखल नहीं दिया जाए।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब चेर में शादी घर नहीं बन पाएगा, क्योंकि नगरपालिका को वही भूमि आबंटित की गई थी, जिसको बिल्डर व्दारा बाउंड्री वाल बना कर घेरा गया था और अब उस जमीन को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वापस करने के बाद नगरपालिका के व्दारा वहां शादी घर बनाना संभव नहीं होगा।
यदि नगरपालिका र्निविवादित रुप से पूर्व आबंटित जगह पर शादी घर का निर्माण करा देती तो आज वह बनकर तैयार हा जाता और शहर के लोग उससे लाभांवित हो रहे होते। लेकिन राजनीतिक दबाव एवं अदूरदर्शता का दंश आज पूरा शहर झेल रहा है जिससे ना सिर्फ शहर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि नगरपालिका बहुप्रतिक्षित या यूँ कहें बहुचर्चित शादी घर का निर्माण का कार्य कहां शुरु कराती है |
बैकुन्ठपुर के आम से खास लोगों तक एवं सोशल मीडिया में पहले बिल्डर को दी गई जमीन पर 3 करोड़ से भी अधिक लागत से बनने वाले स्पोर्टस काम्पलेक्स और अब उसी बिल्डर की भूमि पर बनने वाले शादी घर में उच्च न्यायालय के व्दारा रोक लगाने से चर्चाओं का बाजार गर्म है।
इस सम्बंध में CMO श्रीमती मुक्ता सिंह चौहान ने बताया कि माननीय हाईकोर्ट का आदेश अभी नगरपालिका को प्राप्त नही हुआ है। माननीय न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close