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सरकार किसान हितैसी …. अधिकारीयों के रहमोकरम ऐसे किसान भी कर इनसे तौबा …… पसीने की कमाई को तौल से अधिक देने की मजबूरी ….. अतिरिक्त लिया जाने वाला धान किसके हिस्से का …… मजबूर किसान के आगे अधिकारी आंखे मूंदे…मुद्दा धान खरीदी केंद्रों में किसानों का शोषण कब रुकेगा

आशिक खान की रिपोर्ट

 

प्रेमनगर।

 

सूरजपुर जिले के प्रेमनगर अंतर्गत धान उपार्जन केंद्र उमेश्वर पुर मे अब तक चालिस हजार किवंटल से जादा की धान की खरीदी कर लिया गया है, विदित हों की आदिम जाति सहकारी समिति प्रबंधक द्वारा बेखौफ होकर किसानों का धान निर्धारित माप के नियम विरूद्ध धान की खरीदी कर रहे किन्तु विवश किसान विरोध करने के बजाये समझौता स्वरूप अपने खून पसीने की कमाई का धान मायूस होकर देने को मजबूर हैं।
किसानों ने बताया की किसानो को कई तरह का फरमान जारी किया जाता हैँ जैसे किसी किसान को एकतालिस किलो, किसी को एकतालिस एक शो दो सौ ग्राम इस तरह किसानों से अतिरिक्त धान की खरीदी किया जा रहा है, एक तरफ सरकार किसान हितैसी होने का दावा करते नजर आ रहा है वहीं दूसरी तरफ धान समिति औऱ प्रसासन मे जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों के संज्ञान मे होने के बाद भी खुलेआम किसानों का धान खैरात मे ले रहे जिससे किसानों को प्रति बोरी के हिसाब से तीन सौ से पांच सौ ग्राम धान ज्यादा देना पड़ रहा है जबकि प्रेमनगर मे तहसीलदार एवं उमेश्वरपुर मे नायब तहसीलदार की मौजूदगी मे हजारों किसानों का धान इसी तर्ज मे खरीदा जा रहा है, ज्ञात हों की किसान मायूस होकर अपने खून पसीने की कमाई को अतिरिक्त धान देने हेतु मजबूर हैं लेकिन अबतक प्रसासन के द्वारा मात्र सड़को मे आने जाने वाले माल वाहनो का धान जप्ती करके अपनी पीठ थप थापा रहा लेकिन सहकारी समिति पहुंचकर यह जांच नहीं किया जाता की किसानों का धान कितना लेना है वैसे जिला खाद्य अधिकारी शोभना तिवारी ने बताया की केवल चालिस किलो धान ही लेना है औऱ बोरा के वजन अनुसार चालिस किलो सात सौ से आठ सौ ग्राम ही लेने का प्रावधान है चुकी कमीशन तले दबे अधिकारी भी इस तरह के अवैध खरीदी पर लगाम लगाने मे असमर्थ नजर आ रहे हैं जिससे किसान काफी परेशान हालत मे है, किसानों का कहना है की एकतालिस किलो धान से कुछ भी धान की बोरी तौल मे कम हुई तो धान को नहीं चढ़ाया जायेगा जिससे भुकतान कम होने पर किसान खुद जिम्मेदार होंगे,, ऐसे मे किसान वर्ग काफी भयभीत होकर तथा समिति प्रबंधक के कहे अनुसार धान बेचने को मजबूर हों चूका है लेकिन अधिकारी तो अधिकारी जनप्रतिनिधियों का भी इस अनियमितता मे काफी सहयोग मिलता दिखाई पड़ रहा है इसी कारण मनमानी तरीके से धान ऊपर्जन कैंदों मे बेखौफ होकर किसानों की धान की खरीदी निर्धारित किलो ग्राम से कही जादा लेना इनके लिए आम बात साबित हों चूका है।

खाद्य अधिकरी शोभना तिवारी ने कहा की चालिस किलो आठ सौ ग्राम धान खरीदी का प्रावधान है अगर इससे जादा की मात्रा मे लेना अपराध की श्रेणी मे आता है अगर जिन जिन समिति की शिकायत आई है या आ रही है ऐसे सभी उपार्जन केंद्र के प्रबंधको के विरूद्ध डंडात्मक कार्यवाही किया जायेगा l

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