कलेक्टर कोरिया ने कोरोना वायरस के संबंध में लोगों से सावधानी बरतने की अपील की.. नोवल कोरोना वायरस के लक्षण एवं बचाव के संबंध में एडवाइजरी जारी..
कोरोना वायरस के संबंध में संपूर्ण जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाईजरी जारी की गई है। कलेक्टर डोमन सिंह ने जिले में सभी लोगों से सुरक्षात्मक उपायों के पालन करते हुए अपने एवं परिजनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने, आवश्यक सावधानी बरतने, किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने या शंका होने पर नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर परामर्श लेने की अपील की है।
कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवायजरी के अनुसार कोरोना वायरस से बचाव के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ये वायरस कैसे फैलता है। ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के खुली जगह में छींकने या खांसने से, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, गले लगने से, संक्रमित जगह से संपर्क में आने के बाद बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह व नाक को छूने से फैलता है। इसके बचाव के लिए अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दें, साबुन से लगातार हाथ धोते रहें, छीकनें और खांसने के दौरान अपना मुंह ढ़के, जब आपके हाथ गंदे दिखे तब अपने हाथों को साबुन और बहते पानी से धोएं, प्रयोग के तुरंत बाद टिशू को किसी बंद डिब्बे में फेंक दें एवं अस्वस्थ महसूस होने पर डॉक्टर से मिले।
उन्होंने उल्लेखित बातों से अवगत कराते हुए कहा कि यदि आपको खांसी या बुखार हो तो किसी से संपर्क में न आएं, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें, जीवित पशुओं से संपर्क या कच्चे अथवा अधपके मांस के सेवन से बचें, खेतों की यात्रा जीवित पशुओं के बाजारों में या जानवरों के वध किए जाने वाले स्थलों पर न जाएं। शासन द्वारा जारी एडवाईजरी के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जिसने 1 फरवरी 2020 के बाद चीन, इटली, ईरान, थाईलैण्ड, मकाऊ, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, ताईवान, अमेरिका, जापान, मलेशिया, फ्रांस, वियतनाम, कम्बोडिया, कनाडा, नेपाल, श्रीलंका व अन्य कोरोना प्रभावित देशों में यात्रा की है और उसमें बुखार, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना, जुकाम, सीने में जकडन, खांसी, सिरदर्द, निमोनिया जैसे लक्षण पाये जाते है या यात्रा से वापस आने के 28 दिन के भीतर उक्त लक्षण दिखाये दे तो जिला चिकित्सालय अथवा मेडिकल कालेज में संपर्क कर अपना इलाज करवाये। उक्त देशों की यात्रा से लौटे तथा कोरोना वायरस के संक्रमण जैसे लक्षण पाये जाने पर व्यक्ति को संदिग्ध मानकर 28 दिवस के होम आइसोलेशन में रखा जाता है।
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि होम आइसोलेटेड व्यक्ति एक अलग हवादार व स्वच्छ कमरे में रहे। खांसते व छीकते समय रूमाल का उपयोग करें, नियमित रूप से हाथ धोए तथा प्रयोग किए हुए कपड़ों को साबुन से धोकर अच्छे से सुखाए। अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ ले। इसके साथ ही होम आइसोलेटेड व्यक्ति भीड़ वाले स्थान में न जाए, घर के सार्वजनिक स्थानों जैसे कीचन, हाल का उपयोग कम करें। परिवार के अन्य सदस्यों से एक मीटर की दूरी बनाकर रहे। हाथ व चेहरा नियमित रूप से धोये। घर में बाहरी व्यक्ति या मेहमानों को न बुलाये। किसी बर्तन में ही छींके या थूके, जिससे संक्रमण का खतरा कम से कम हो।
होम आइसोलेटेड व्यक्ति के परिजनों के लिए सावधानियों के बारे में जारी एडवायजरी के बारे में उन्होंने बताया कि जहां तक हो सके परिवार से कम से कम व्यक्ति (संभव हो तो सिर्फ एक) ही होम आइसोलेटेड व्यक्ति की देखभाल करे। देखभाल करने वाल व्यक्ति हमेशा मास्क पहन कर ही होम आइसोलेटेड व्यक्ति के समीप जाए। जहां तक हो सके परिवार के बाकी सदस्य अलग कमरे में रहे, यदि ऐसा नहीं संभव हो तो कम से कम एक मीटर की दूरी बना कर रखे। होम आइसोलेटेड व्यक्ति का विचरण सीमित रखने में सहयोग करें। घर के जिन साझे स्थानों का उपयोग होम आइसोलेटेड व्यक्ति द्वारा भी किया जा रहा है, उनके खिड़की, रोशनदान इत्यादि खुले रखें। परिवार के सभी सदस्य नियमित रूप से हाथ धोएं। होम आइसोलेटेड व्यक्ति के संपर्क में आये सभी कपड़े, बेडशीट, टॉवल इत्यादि उनके द्वारा छुये गये सतह जैसे टेबल बेड फ्रेम इत्यादि तथा उनके द्वारा उपयोग किये जा रहे बाथमरू, टॉयलेट इत्यादि की नियमित रूप से डिसइन्फेक्टेन्ट से साफ करें। आइसोलेटेड व्यक्ति में अथवा परिवार के किसी भी सदस्य में कोई भी लक्षण उत्पन्न होने पर तत्काल फोन पर जिला नोडल अधिकारीध् मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी या जिला सर्वेलेंस अधिकारी को सूचित करें। यदि घर में पालतू पशु हों तो उन्हें होम आइसोलेटेड व्यक्ति दूर रखें।
अधिक जानकारी के लिए शासकीय जिला चिकित्सालय से अथवा राज्य सर्वेलेंस इकाई के दूरभाष नंबर 0771-2235091, 9713373165 या टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क कर सकते है।