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वाह रे सिस्टम.. सर पर छत तो दिया नही..पेड़ पर बना आशियाना उजाड़ दिया.. पेज-11की खबर के बाद पहुंचे सरकारी हुक्मरानों ने फूलसाय पण्डो के पेड़ पर बने झोपड़े को तोड़ फेंका..

वाह रे सिस्टम.. सर पर छत तो दिया नही..पेड़ पर बना आशियाना उजाड़ दिया..

पेज-11की खबर के बाद पहुंचे सरकारी हुक्मरानों ने फूलसाय पण्डो के पेड़ पर बने झोपड़े को तोड़ फेंका..

बारिश में पेड़ के नीचे खुले आसमान में रहने को मजबूर..

अनूप बड़ेरिया
इंसानियत की भाषा मे कहा जाता है कि हम किसी का घर अगर बसा नही सकते तो उसका घर भी उजाड़ने का हक हमें नही है.. कोरिया जिला प्रशासन ने गजब का कमाल करते हुए खबर प्रकाशन पर उल्टी कार्यवाही करते हुए पेड़ पर झोपड़ी बना कर रहने वाले फूलसाय पण्डो को घर से बेघर कर दिया।
 दरअसल पेज-11 ने मंगलवार को खबर प्रकाशित की जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत बिशुनपुर के बनखेता पारा में पिछले 15 वर्षों से फूलसाय नाम का बुजुर्ग शासन की योजनाओं से मरहूम अकेले पेड़ पर आशियाना बनाकर रह रहा है। इसकी 10 एकड़ जमीन झुमका बांध की डुबान क्षेत्र में चली गई थी।
 इस खबर के प्रकाशन के बाद जनपद पंचायत बैकुंठपुर के सीईओ, एसडीएम व सरपंच-सचिव को लेकर पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले फूलसाय पण्डो के पेड़ पर बने झोपड़ी को तोड़ कर नीचे फेंक दिया। जिसके बाद अब भरी बरसात में बेबस व लाचार बुजुर्ग फूलसाय खुले आसमाँ की छत के नीचे अब अपनी रात गुजारने को मजबूर है।
भाई के घर रहनें को कहा गया:-
इस सम्बंध में सीईओ सीएस शर्मा ने बताया कि फूलसाय पण्डो चालाक किस्म का है, वह महज 2 माह से ही पेड़ पर झोपड़ी बना कर रह रहा है। सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उसे मिल रहा है। सरकारी राशन कार्ड बनने के साथ उसका नवीनीकरण हो चुका है। पेंशन में भी उसका नाम है। बैंक खाता, आधार कार्ड सब कुछ है। पण्डो को पेड़ से हटा कर वहीं नजदीक उसके भाई के बने पीएम आवास में उसे रहने को कहा गया है।
क्यों रहूँ भाई के घर..?
फूलसाय पण्डो ने पेज-11 से कहा कि सरकारी नुमाइंदे आकर मेरा घर तोड़ दिए। अब बरसात में मैं कहाँ जाऊं.. भाई के घर पर क्यों रहूँ..मुझे सरकार औरों की तरह मेरा मकान बना कर दे या फिर फिलहाल पन्नी लगाकर मेरा झोपड़ा बना दे। मैं यहीं पेड़ के नीचे मर जाऊंगा पर दूसरे के घर रहने नही जाऊंगा।

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