
मानव अधिकार दिवस पर मुस्लिम समाज ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा ….मानव अधिकार वे मौलिक अधिकार हैं जिनसे जाति ,राष्ट्रीयता ,धर्म ,लिंग आदि के आधार पर मनुष्य को प्रताड़ित और वंचित नहीं किया ….सम्मान जीवन जीने के मौलिक अधिकार की रक्षा करता ….6 सूत्रीय मांगों का राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन ….
रायगढ़।
अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस प्रति वर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है। हमारा देश भी संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य है और मानव अधिकार के लिए प्रतिबद्ध हैं। मानव अधिकार वे मौलिक अधिकार हैं जिनसे जाति ,राष्ट्रीयता ,धर्म ,लिंग आदि के आधार पर मनुष्य को प्रताड़ित और वंचित नहीं किया जा सकता। यह सम्मान जीवन जीने के मौलिक अधिकार की रक्षा करता है। दुर्भाग्य से पिछले कुछ वर्षों में हमारे देश में मानव अधिकार हनन के मामले बढ़े हैं। बढ़ते मानवाधिकार हनन के मामलों से चिंतित रायगढ़ मुस्लिम समाज ने श्री आर ए कुरूवंशी अपर कलेक्टर रायगढ़ को 6 सूत्री मांगों का राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा ।
इस अवसर पर अशरफ खान प्रतिनिधि जामा मस्जिद ट्रस्ट कमेटी, शेख कलीमुल्लाह सदर मस्जिद गरीब नवाज ,मोहम्मद अशरफ उद्दीन सदर साबरी मस्जिद ,शेख ताजीम सदस्य जिला अल्पसंख्यक आयोग एवं कलीम बक्स सेक्रेटरी मस्जिद गरीब नवाज कमेटी उपस्थित थे । मुस्लिम समाज ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया कि देश के दलित ,अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति मॉब लिंचिंग के शिकार हो रहे हैं। हमलावर हमला करने के बाद उसे सोशल मीडिया में डाल रहा है। यह बोलता हुआ साक्ष्य है इसके बावजूद इन पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहीं है , वर्तमान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के ऊपर हमलों में भी वृद्धि हुई है ।पुलिस द्वारा भी उन्हें जेल में भेजा जा रहा है। चालान चार्ज शीट प्रस्तुत करने की प्रक्रिया इतनी धीमी है कि न्याय अन्याय लगने लगता है।
मानव कार्यकर्ताओं पर भी हमला करने वालों पर कड़ी कार्यवाही हो तथा जेल में बंद समस्त मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर न्यायिक कार्यवाही एवं सुनवाई समय सीमा में हो ,गैर कानूनी गतिविधियों रोकथाम अधिनियम( यू ए पी ए) का बहुत अधिक दुरुपयोग हो रहा है, इस कानून के तहत बनाए गए बंदी और न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध किए गए मामलों के आंकड़ों पर संज्ञान लेते हुए अधिनियम में तत्काल संशोधन होना चाहिए, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का बहुत अधिक हनन हो रहा है एक गिरोह द्वारा लगातार मुस्लिम एवं दलितों के ऊपर सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं ऐसे लोगों को पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, हरियाणा के गुरुग्राम में पूर्व में अनुमति प्राप्त स्थलों पर नमाज अदायगी सुनिश्चित करने एवं मस्जिदों के जीर्णोद्धार करने तथा नए जगह मस्जिद बनाने की अनुमति देने की मांग की गई ताकि सार्वजनिक जगह में नमाज पढ़ना बंद हो सकें, मॉब लिंचिंग धार्मिक हिंसा पर प्रधानमंत्री एवं संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री का बयान नहीं आने से समाज में गलत संदेश जा रहा है।
इसलिए ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में तत्काल प्रधानमंत्री एवं संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से बयान जारी होना चाहिए। राष्ट्रपति भारत शासन से उपरोक्त 6 सूत्रीय मांगों को स्वीकार कर समुचित आदेश जारी करने की मांग की गई। मुस्लिम समाज रायगढ़ को उम्मीद है कि उपरोक्त मांगों को स्वीकार करने से मानव अधिकार के प्रयासों को और अधिक बल मिलेगा।