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लॉक डाउन के दौरान कोरिया में बिहान की महिलाओं ने सम्भाली ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्था-तूलिका… बैंकिग, मास्क निर्माण और राशन जैसी आवश्यक आपूर्ति करने में सक्रिय…

कोरिया जिले में लाकडाउन का पालन ग्रामीण क्षेत्रों में शत प्रतिशत कराने में महिलाओं की सहभागिता उल्लेखनीय है। उन्होंने अपने दृढ़ इच्छाशक्ति से दूरस्थ वनांचल में जहां एक ओर राशन की आपूर्ति के लिए चलित बिहान मार्ट सेवाएं शुरू की है, वहीं दूसरी तरफ वह बीसी सखी के माध्यम से राष्ट्रीय आजीविका मिशन की महिलाओं ने सिर्फ फोन पर 246 परिवारों के बीच जाकर सुविधा उपलब्ध कराई है। इस दौरान इन्होंने 8 लाख 23हजार रुपए से ज्यादा का लेनदेन कर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग का नया अध्याय लिख आम जनता को सहूलियत देने का कार्य किया है। उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तूलिका प्रजापति ने बताया कि जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में अपने कदम बढाकर जिले के ग्रामीण विकास में अपना योगदान बढ़ाया है। जिला पंचायत सीईओ तुलिका ने बताया कि वर्तमान में परिवहन के साधन बन्द होने से ग्रामीणों को ब्लॉक मुख्यालय या बड़े ग्राम पंचायतों में स्थित बैंक शाखाओं तक या एटीएम तक आने में असुविधा हो रही थीं ऐसे में बिहान की बीसी सखियों ने सभी का काम आसान किया है। दूर दराज से एक फोन पर बैंकिंग सुविधा देने के लिए यह उपभोक्ता के घर पर जाकर बैंकिंग सुविधाओं का संचालन कर रही हैं।

सीईओ जिला पंचायत ने बताया कि लाकडाउन की अवधि में अब तक 41 बैंक सखियों ने डीजी पे की सुविधा के साथ 73 परिवारों को उनकी आवश्यकता पर उनके खातों सेे 1लाख 43 हजार रुपए का मजदूरी भुगतान प्रदान किया है। इसके अलावा अब तक 71 पेंशन योजना के हितग्राहियों को 66 हजार 820 रुपए उनके घर पर ही उपलब्ध कराए हैं। सीईओ तूलिका ने बताया कि आधार आधारित बैंकिंग लेनदेन के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीणों को उनकी मांग के अनुसार 9 लाख 50 हजार रुपए से ज़्यादा का भुगतान इनके माध्यम से किया गया है। यह अपने आप मे नया व सफल प्रयोग साबित हो रहा है।

सीईओ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में दवा दुकानों की अनुपलब्धता और कम जागरूक दुकानदार होने से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण वस्तु मास्क की भारी कमी हो सकती थी परन्तु राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की दीदियों ने इस महत्वपूर्ण वस्तु की निरन्तर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दिन रात काम करना शुरू किया और इसके परिणामस्वरूप दूरस्थ क्षेत्रों में 2 लेयर और 3 लेयर के मास्क सहजता से उपलब्ध होने लगे हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि कपड़ों के द्वारा बनाए जा रहे यह मास्क पूरी तरह से वॉशेबल हैं और नियमित रूप से उपयोग कर साबुन और गर्म पानी में धुलाई करने से कई दिनों तक उपयोग भी किए जा सकते हैं।

सीईओ तूलिका ने बताया कि अब तक जिले में आज दिनांक तक बिहान के 41 स्व सहायता समूह के 150 महिला सदस्यों द्वारा कुल 5 लाख 5 हजार 915 मास्क बनाये जा चुके है। जिसमे से 50 हजार 433 मास्क विक्रय भी किये जा चुके हैं। बिहान की महिलाओं ने कपड़ों से निर्मित इन मास्क को ग्राम पंचायतों में, जनपद पंचायत में, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में सक्रिय संगठनों और मेडिकल स्टोर को मांग पर उपलब्ध कराया है। इस कार्य में एक ओर जरूरत की महत्वपूर्ण वस्तु लोगों को मिल रही है। वहीं महिलाओं को पांच लाख रुपए से ज्यादा का व्यापार भी प्राप्त हुआ है। यह कार्य निरन्तर जारी है। इस तरह अलग अलग महत्वपूर्ण क्षेत्रो में बिहान की बहनों ने मोर्चा संभाला है और जिले में कोरोना संकट को मात दे रही हैं।

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