लाक डाउन के बीच कलेक्टर को किया व्हाट्सएप Msg…फेफड़े की बीमारी से ग्रसित भाई के लिए चाहिए दवाई..छग के इस संवेदनशील कलेक्टर ने 2 घण्टे में भेजवा दी घर…
16 April 2020
कोरोना संक्रमण की महामारी से बचने जहां देशभर में लॉकडाउन है, ऐसे समय में अगर किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीज को आवश्यक दवाईयां घर पर ही उपलब्ध हो जाए तो, इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। जिला प्रशासन की तत्परता से ऐसा ही कुछ पिछले दिनों धमतरी के रामसागर पारा स्थित शिव चौक निवासी अनिल यादव के साथ हुआ। दरअसल अनिल यादव फेफड़े की गम्भीर बीमारी से ग्रसित है। उनका इलाज नागपुर के श्री गायत्री आयुर्वेद अस्पताल में चल रहा है। उनकी बीमारी को देखते हुए वहां के चिकित्सकों ने किसी भी स्थिति में दवाई को लगातार चार माह तक लेने की सलाह दी। लॉकडॉउन के पहले मरीज द्वारा दवाई दो महीने के लिए ले ली गई, जो 14 अप्रैल को खत्म होने वाली थी। यह दवाईयां तरल होने की वजह से कूरियर के माध्यम से मंगाना संभव नहीं था। उनके बड़े भाई सुनील यादव जो गरियाबंद के शासकीय कार्यालय में पदस्थ हैं वे भी लॉकडाउन की वजह से नागपुर दवाई लेने नहीं जा पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने व्हाट्सअप के जरिए श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा को अपनी स्थिति से अवगत कराया, चूंकि मामला धमतरी जिले का था, इसलिए उन्होंने कलेक्टर को अवगत कराने की सलाह दी। इस पर श्री सुनील यादव ने कलेक्टर रजत बंसल को व्हॉट्सएप के जरिए अपनी स्थिति बताई। कलेक्टर ने हालात की नजाकत को समझ इसे तत्काल संज्ञान में लिया और अपने मातहतों को आवश्यक निर्देश दिए। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.के. तुर्रे ने आयुर्वेदिक दवाइयों की पर्ची देख तुरंत आयुर्वेद अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने पर्ची में दवाइयों का पता लगाया यह धमतरी के किसी भी मेडिकल दुकान में उपलब्ध नहीं थीं। आयुर्वेद अधिकारी ने तत्काल निजी आयुर्वेद चिकित्सक से सम्पर्क कर मरीज के लिए एक माह की दवा संकलित की और महज दो घंटे के भीतर ही स्वयं घर पहुँच मरीज को दवाइयां उपलब्ध कराई। प्रशासन की फौरी कार्रवाई से चकित और प्रसन्न होकर मरीज के बड़े भाई ने कहा कि मात्र एक व्हाट्सअप मैसेज को संज्ञान में लेकर जिस तरह से प्रशासनिक अमले ने इस संकट की घड़ी में कलेक्टर श्री बंसल के निर्देश पर कार्रवाई की संवेदनशीलता की एक मिसाल है। उन्होंने कलेक्टर सहित प्रशासन के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद भी दिया जिनकी बदौलत उनके भाई को बिना नागपुर जाए धमतरी में ही दवाइयां उपलब्ध करा दी गई।
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