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दलगत राजनीति से परे..जिला हॉस्पिटल को और सुदृढ़ बनाने की व्यवस्था करें विधायक-संजय अग्रवाल…

भाजपा नेता संजय अग्रवाल ने कहा है कि  स्थानीय विधायक श्रीमती अंबिका सिंहदेव दलगत राजनीति से परे जिला व्यवस्था को और सुदृढ़ बना कर वहां विशेषज्ञ चिकित्सको की तैनाती करवाएं। छग में कांग्रेस की सरकार है और विधायक भी कांग्रेस की है इसलिए यदि सही इच्छाशक्ति से प्रयास किया जाए तो सब कुछ संभव हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि आज फिर इलाज के अभाव में जिला अस्पताल में कांग्रेसी नेता के भाई की मौत हुई है। ऐसा लगातार होना,मरीजों के दुर्व्यवहार एवं समय से इलाज नहीं मिल पाना बैकुंठपुर जिला अस्पताल में आम बात है । अब तो स्थिति यहां तक आ गई है कि डॉक्टरों की आपस में ही भिड़ंत होते रहती है और तो और अब डॉक्टर एक दूसरे पर विधायक एवं आला अधिकारियों के सामने भी आरोप लगाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। सीएमएचओ अपनी एनर्जी सिविल सर्जन बनने में अपनी ताकत लगा रहे हैं और सिविल सर्जन अपनी कुर्सी बचाने में… रात्रिकालीन सेवा में यदि कोई रसूखदार आपके परिचय का नहीं है तो कोई आपकी सुनने वाला ही नहीं है। गांव देहात से आए मरीजों का और भी बुरा हाल है..लोग छोटी-छोटी सेवाओं के लिए भटकते रहते हैं… कई डॉक्टर तो सुविधाओं की दुहाई देकर प्राइवेट अस्पताल में जोर देकर मरीज को भेजते हैं। जिला अस्पताल में कभी मरीज के शरीर मे चींटियां… तो लापरवाही में डिलीवरी के समय बच्चे के नीचे गिरकर मौत… लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में कोई सुधार नहीं हो सका है। सबसे दुख की बात है अस्पताल जैसे जन सुरक्षा से जुड़े जगह में राजनीति का वर्जस्व का होना है। भाजपा नेता संजय अग्रवाल ने स्थानीय विधायक पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि विधायक नहीं चाहती कि अस्पताल की व्यवस्था सुदृढ हो इस संदर्भ में उनका कहना है कि दिवंगत कुमार साहब ने स्वयं उनसे कहा था कि अस्पताल की व्यवस्था बिना जनभागीदारी के नहीं सुधर सकती आप लोग जो भी यहां के निवासी हैं वह सब जीवनदीप समिति के सदस्य बनिए उनकी इस सोच को ध्यान में रखकर मैंने सदस्य बनने हेतु निर्धारित ₹50 हजार जीवनदीप समिति में दिया और नियमानुसार मुझे जीवनदीप समिति का सदस्य बनाया जाना चाहिए। लेकिन विधायक द्वारा बजाए इसके लिए और लोगों को प्रोत्साहित करने के बजाए हस्तक्षेप करके मुझे जीवनदीप समिति का सदस्य नहीं बनने दिया गया। जबकि विधायक को सिविल सर्जन ने नियम दिखाया उसके बाद भी नियमों की अनदेखी की गई। जबकि जिला अस्पताल की व्यवस्था स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही सुधर सकती है। अन्यथा जिस प्रकार की अव्यवस्था, दुर्व्यवहार एवं भर्राशाही चल रही है वह तभी रुक सकती है। विधायक को इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। कुछ समय पहले जिला अस्पताल में बेहतर व्यवस्था की दृष्टि से समाज सेवी संस्था निदान अपनी टीम के साथ जिला अस्पताल में सेवाएं प्रदान कर रही थी उसे भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण रोक दिया गया।

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