क्वारेंटीन सेंटरो मे रह रही गर्भवती और शिशुवती महिलाओं और बच्चों को अनिवार्य रूप से मिलेगा पोषण आहार-डीपीओ खलखो…स्वास्थ्य और सुरक्षा के निर्देश जारी…
कोरोना के संक्रमण के बीच सबसे अधिक भावनात्मक संघर्ष के दौर से अगर कोई गुजर रहा है तो वह हैं गर्भवती महिलाएं… कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से सभी लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है… लेकिन इस बीमारी के खतरे की वजह से गर्भवती महिलाओं को अधिक देखभाल करने की सलाह दी जा रही है। ।
इसकी जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज खलखो ने बताया सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी पत्र में क्वॉरेंटाइन सेंटर में निवासरत बच्चों एवं महिलाओं की स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के संबंध में निर्देश प्राप्त हुए है।
जारी पत्र के निर्देशानुसार राज्य के प्रवासी महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गर्भवती महिलाओं को पृथक क्वारंटाइन सेंटर में रखे जाने को कहा गया है। सेंटर की साफ-सफाई राखी जायेगी और गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार अनिवार्य रूप से दिया जाएगा। सभी क्वारंटाइन सेंटर में बच्चों का चिन्हांकन कर पूरक पोषण आहार, स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
डीपीओ मनोज खलखो ने बताया क्वारंटाइन सेंटर में समस्त गर्भवती महिलाओं एवं शिशुवती माताओं का घर जाने के उपरांत परिवार की महिला एवं बच्चों को विभाग की योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु पंजीकृत करते हुए समुचित कार्रवाई भी की जायेगी। क्वॉरेंटाइन केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा अन्य विभाग की महिलाओं की ड्यूटी लगाई जायेगी और यथासंभव इन महिलाओं के सेवा तथा उनके सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा ।
परिवार में वापस जाने पर महिलाओं के विरुद्ध हिंसा और घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए कानूनी प्रावधानों के तहत महिलाओं को संरक्षण प्रदान किये जाने की भी बात पत्र में कही गयी है।
उन्होंने आगे बताया कि महिला हेल्पलाइन 181 व सखी केंद्रों में ऐसी घटनाओं को प्रतिबंधित करने की व्यवस्था की जायेगी और बच्चों के विरुद्ध हिंसा न हो और यदि ऐसा होता है तो 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन तथा जिले के बालक कल्याण समिति को सूचित करने की व्यवस्था भी करने को कहा गया है।