मौसमी बीमारियों को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद
डेंगू की रोकथाम के लिए टेमीफास का छिड़काव सबसे अहम
दक्षिणापथ, दुर्ग। दुर्ग-भिलाई क्षेत्र अंतर्गत मौसमी बीमारी (डेंगू एवं स्वाईन फ्लू) की रोकथाम, बचाव, सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन काफी सक्रिय है। कलेक्टर अंकित आनंद ने प्रेसवार्ता लेकर कहा कि इस वर्ष डेंगू को लेकर जिला प्रशासन काफी मुस्तैद है। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता इसका फैलना कम हो और यदि फैलता है तो मृत्यु ना हो इन दोनों दिशा में जिले में काफी काम हुआ है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए टेमीफ ास का छिड़काव सबसे अहम है। यह सुनिश्चित करें कि डेंगू के पाकेट एरिया में टेमीफास का पर्याप्त मात्रा में छिड़काव हो। डेंगू साफ पानी में पनपता है। जहां भी टेमीफास डालें वहां कुछ समय बाद पानी में पनपने वाले डेंगू के लार्वा मरने लगते हैं। उन्होंने कहा कि निगम और स्वास्थ्य अमले को समन्वय से कार्य करने में आसानी होगी। डेंगू का अंतिम रूप से पता एलिजा टेस्ट के बाद चलता है जिसकी सुविधा जिला अस्पताल में भी उपलब्ध हैं। कलेक्टर ने कहा कि पाकेट एरिया में पिछले साल की तुलना में टेमीफास का दोगुना छिड़काव किया जा रहा है। निगम अमला लगातार मानिटरिंग कर रहा है कि टंकियों में अथवा कूलरों में बहुत दिनों से पानी का जमाव न हो। साथ ही डेंगू के लक्षणों को लेकर भी लोगों में जागरूकता बनी रहे। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनसमूह की मदद भी लेना बहुत जरूरी है। कलेक्टर ने कहा कि पिछले साल जब डेंगू फैला था तो राज्य से टीम आई थी और उन्होंने डेंगू के पाकेट एरिया की ड्राइंग बनाई थी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष 6 हजार डेंगू के मरीज भर्ती हुए थे। जिसमें 26 सौ 50 मरीज सेक्टर-9 में भर्ती हुआ था। इस वर्ष 260 बेड सरकारी अस्पताल सहित अन्य प्राईवेट अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड तैयारी की गई है। जिसके तहत सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई में 50 बेड, शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज भिलाई 50 बिस्तर, चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल 25 बेड, बीएम शाह हॉस्पितल में 25 बेड के साथ आईसोलेशन वार्ड तैयार की गई है, जहां प्लेटनेट चढ़ाने की सुविधा हैं। इनके अलावा जरूरत पड़ी तो मेकाहारा एवं एम्स रायपुर, रिफर किया जा सकता है। कलेक्टर ने बताया कि जनवरी से अभी तक 488 बुखार के मरीज मिले है जिनके जांच पश्चात् 51 का एनएस 1 पॉजेटिव मिला। जिसमें 2 मरीज में डेंगू के लक्षण पाए गए। उसमें से एक पूणे तथा दूसरा सिकंदराबाद जैसे बड़े शहरों से आने वाले शामिल थे। उन्होंने बताया कि पिछली बार डेंगू पीडि़त व्यक्ति को अगर अभी बूखार आ रहा है तो पूर्ण डेंगू होने की संभावना ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि शत-प्रतिशत स्कूली बच्चों की मेडिकल जांच हो रहा है और बुखार वाले बच्चे की चिन्हीत होगी। जिसकी जांच जिला अस्पताल में कराई जाएगी।
भिलाई नगर निगम के आयुक्त एसके सुंदरानी एवं दुर्ग निगम आयुक्त सुनिल अग्रहरि ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक एएनएम, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, एएनएम एवं मितानीन, जिला मलेरिया विभाग के सर्वेलेंस निरीक्षक एवं स्वास्थ्य संजोयक द्वारा आपसी समन्वय स्थापित करते हुए प्रभाविक क्षेत्रों में घर-घर भ्रमण कर सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। इस संयुक्त टीम द्वारा लोगों से संपर्क कर सर्दी, खांसी, बुखार से प्रभावित मरीजों को तत्काल नजदिकी शासकीय अस्पताल में उपचार कराने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। संभावित प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर प्रभावित मरीजों को आवश्यकतानुसार दवाई वितरण किया जा रहा है। निगम द्वारा डेंगू एवं स्वाईन फ्लू संभावित क्षेत्र में मैलाथियान, मलेरिया ऑयल, ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव एवं फागींग मशीन द्वारा धूआं छोड़ा जा रहा है। घर-घर सर्वे कर जागरूकता हेतु पाम्पलेट का वितरण किया जा रहा है। आयुक्त श्री सुंदरानी ने बताया कि 195 जगह स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन 56115 बोतल टेमीफॉस का वितरण, 19544 मकानों में टेमीफॉस स्प्रे, 18850 मच्छर दानी जाली सिवरेज पाईप में लगाये गये, 45300 पाम्पलेट का वितरण, 56115 मकानों मैलाथियान स्प्रे, 18500 जगहों मलेरिया ऑयल डाला गया, 6650 जगहों पर फागींग, 350 स्कूल एवं आंगनबाड़ी में फागींग के साथ नालियों की सफाई किया गया।