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हर समस्याओं पर गम्भीर MLA डॉ. विनय उसे दूर करने की करते हैं पहल…विधानसभा के शीत कालीन सत्र में कई समस्याओं की ली जानकारी जल्द निराकरण के लिए उठाई मांग…

 

कोरिया/चिरमिरी

राज्य के विधान सभा चुनाव उपरांत लगातार विधानसभा वार छोटी बड़ी समस्याओं पर अपना गंभीर रुख से उन्हें तत्काल निराकरण करने के नाम से चर्चित मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल अपने विधान सभा क्षेत्र के बाद अब वैसा ही रुख वर्तमान में चल रही विधान सभा की शीत कालीन सत्र में भी दिखा रहे है जो इस शीत कालीन सत्र के पहले और दूसरे दिन दिखा जिसके शुरआती दौर में ही मनेंद्रगढ़ विधायक ने अपने विधायक सभा की बड़ी छोटी योजना और समस्याओं की जानकारी मांगते हुए दिखे। डॉ. जायसवाल ने मेडिकल कॉलेज में पी.जी. की सीटों की वृद्धि के लिए जानकारी लेते हुए प्रश्न किया की मेडिकल कॉलेज में पी. जी. की कितने सीट की पिछले तीन सत्रो 17-18, 18-19, 19-20 में बढ़ोत्तरी की गई है ? (ख) प्रश्नाश “क” के अनुसार अगर बढ़ोतरी नहीं की गई तो इसके लिए क्या योजना है ? (ग) नीट द्वारा छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस के लिए मूलनिवासी प्रमाण पत्र की अर्हता वास्तविक सत्यापन के लिए कॉलेज द्वारा क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है ? पर विधायक डॉ. जायसवाल की मांग पर पंचायत संचालनालय ने लिखित रूप में जानकारी उपलब्ध कराते हुए बताया की चिकित्सा शिक्षा छ. गा. अधीनस्थ चिकित्सा महाविद्यालयों में सत्र 2017-18 में 27, 2018-19 में 02, 2019-20 में 00 एवं 2020-21 में 77 पी. जी. सीटों में बढ़ोत्तरी हुई है. (ख) चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रन की सीटों में वृद्धि हेतु एन.एन.सी./एन.सी.आई. के द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप आवेदन किये जा रहे है. (ग) नीट द्वारा छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस के लिए मूलनिवासी प्रमाण पत्र के वास्तविक सत्यापन हेतु संचालनालय स्तर से की गई कार्यवाही का विवरण, अधीनस्थ समस्त अधिष्ठाता, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं प्राचार्य, शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय को जारी किये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट “अ” “ब” स” द “इ “ई” अनुसार है. जिसका परिपालन अधीनस्थ संस्थाओं के प्रमुखों द्वारा किया जा रहा है ।

जिला कोरिया में कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण

के लिए डॉ. विनय जायसवाल प्रश्न उठाते हुए कहा की 32/161 विकास योजना के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में कितने प्रशिक्षण संचालित हुए है ? () प्रशिक्षण के उपर शासन द्वारा रोजगार की क्या व्यवस्था की गई है ।

उच्च शिक्षा मंत्री ने विधायक जायसवाल के प्रशन पर जवाब देते हुए बताया की कोरिया जिले में कौशल विकास योजना के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में 429 प्रशिक्षण बैच संचालित हुए है जिसके अंतर्गत 7788 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है. (ख) प्रशिक्षण उपरात कौशल विकास के प्रशिक्षणार्थियों के रोजगार हेतु संबंधित व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं (वीटीपी) द्वारा एवं शासन द्वारा समय-समय पर जिला स्तर पर रोजगार मेला आयोजित कर कौशल प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार अथवा स्वरोजगार उपलब्ध कराने हेतु प्रयास किये जाते है.

 

विवेकानंद डिग्री कॉलेज मनेंद्रगढ़ में कन्या छात्रावास की स्वीकृति हेतु आगामी क्या कार्यवाई हुई-

डॉ. विनय जायसवाल ने अपने तीसरे प्रशन में कहा कि मेरे विधान सभा के मनेंद्रगढ़ शहर में स्थापित विवेकानंद डिग्री कॉलेज मनेंद्रगढ़ के कन्या छात्रावास बनाने की स्वीकृति कब प्रदान की गई ? इसके लिये कितने बजट का प्रावधान किया गया तथा यह कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा ? (ख) प्रश्नाश “क” के अनुसार कन्या छात्रावास का निर्माण कार्य का प्रारंभ होगा ? उच्च शिक्षा मंत्री (श्री उमेश पटेल) : (क) विवेकानंद डिग्री कॉलेज मनेंद्रगढ़ के कन्या छात्रावास बनाने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन है. इसके लिये वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में रु. 100 लाख का बजट प्रावधान किया गया है. कार्य पूर्णता ही निश्चित समयावधि में पूर्ण होगा..

मेडिकल एजेंसियों में नकली दवा विक्रय की जांच..

डॉ. विनय जायसवाल ने स्वास्थ्य विभाग से चौथा प्रशन काल उठाते हुए कहा कि (क) नकली दवा बिक्री के मामले में पिछले 4 वर्षों में कितनी मेडिकल एजेन्सी पर जाच की गई है ? (ख) प्रश्न “क” के अनुसार सीजीएमएसएसी द्वारा वित्तीय वर्ष 16-17, 17-18, 18-19, 19-20 में औषधि उपकरण रिज्यूमे बल की कितनी डिमांड जारी की गई है ? और इस डिमाड के फलस्वरूप कितनी खरीदी की लाई है ? प्रश्नाश “ख” के अनुसार शासन द्वारा क्रय की गई सामवियों की गुणवत्ता के जाँच के लिए क्या मापदंड है।

पंचायत मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव ने जानकारी देते हुए बताया की विगत चार वर्षों में छत्तीसवाढ़ राज्य में कुल 14222 औषधि प्रतिष्ठानों में जाच किया गाया. (ख) सीजीएमएससी द्वारा औषधि उपकरण कंज्यूमे बल की डिमांड जारी नहीं की जाती शेषाश प्रश्न उपस्थित नहीं होता. (ठा) औषधि गुणवत्ता की जांच के लिए भारतीय भेषिजिक संहिता में उल्लेखित मापदण्डों का पालन किया जाता है ।।

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