लॉक डाउन में कपड़ा व्यापारियों की हालत पहली::दुकान खोलें जाने की अनुमति के लिए सौंपा ज्ञापन..
💥कपड़ा व्यापारियो ने प्रशासन से किया निवेदन ऑड इवन फार्मूले के तहत खोली जाए सभी दुकाने
पूरा भारत वर्ष कोविड-19 की महामारी से ग्रसित है । तकरीबन डेढ़ माह से कोरिया जिले में भी लॉक डाउन है। हम सभी वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ाई में सरकार के हर फैसले के साथ हैं एक लंबा समय बीत जाने के कारण लॉकडाउन में सरकार की ओर से कुछ रियायतें दी गई हैं परंतु कपड़ा व्यवसाय थोक एवं फुटकर व्यवसाय आज भी बंद है, जिनके सामने आर्थिक रूप से एवं मानसिक रूप से बहुत बड़ा संकट आ गया है। इसलिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान आकर्षण कराते हुए व्यापारियों ने लिखा कि लंबे समय से लॉक डाउन होने के कारण सभी छोटे फुटकर कपड़ा व्यवसाय करने वालों की स्थिति बिगड़ी है । छोटे व्यापारी जो प्रतिदिन कमाने खाने का कार्य करते थे उनकी स्थिति आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा दयनीय हो चुकी है ।
उन्होंने बताया कि कपड़ा व्यवसाय एवं जिनका भी व्यापार डेढ़ महीने से बंद है आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे है अगर ऐसे में उन्हें कोरोना या अन्य किसी भी प्रकार की गंभीर आकस्मिक दुर्घटना या बिमारी हो जाती है और बड़े हॉस्पिटल में जाना पड़ता है, तो वहां की लाखों के इलाज का खर्च देने में असमर्थ होता जा रहा है । जिससे इलाज के आभाव में आर्थिक तंगी से कई लोगो की जान जा रही है एवं जीविकापार्जन के लिए ऑड इवन फॉर्मूला के तहत सभी को समान अवसर मिलना चाहिए, जिससे कमाई का रास्ता खुल सके और कपडा व्यवसायी अपना और अपने परिवार का पेट भर सके , तकलीफ अब बहुत बढ़ गयी है मजबूर हो गये है कहीं से कोई मदद नही है ।
व्यापारियों ने कहा कि किराना, सब्जी, इलेक्ट्रॉनिक, हार्डवेयर आवश्यक श्रेणी में रखते हुए खोला गया है कोरोना काल में विवाह की अनुमति है जहां सभी को नए कपड़ो की आवश्यकता हो रही है ऐसे समय में आम ग्राहक ऑनलाइन कपड़ा खरीदने के लिए प्रेरित हो रहा है जिससे कपड़ा व्यवसायी बहुत चिंतित है लॉकडाउन खुलने के बाद भी ग्राहक यदि ऑनलाइन मार्किट से ही खरीदते रहेंगे तोह कपडा व्ययसाय तबाह बर्बाद हो जायेगा ,अत्यंत दयनीय स्थिति में सभी प्रकार के थोक एवं फुटकर कपड़ा व्यवसायी अपने व्यवसाय को खत्म होता देख रहा है। लॉक डॉउन के पहले शादी का सीजन को देखते हुए भारी मात्रा में कपड़ा खरीदा गया अब उससे बड़े व्यापारियों द्वारा पैसा मांगा जा रहा है । व्यापार बंद होने के कारण आर्थिक एवं मानसिक हालत खराब हो चुकी है । जिसकी बैंक लोन और किराए पर दुकान है उसके सामने तो जीवन मृत्यु का प्रश्न उत्पन्न हो गया है।
अतः सभी परिस्थितियों को देखते हुए निवेदन है कि समानता के आधार पर सभी व्यवसाय को कोरोना गाइडलाइन के तहत या ऑड ईवन फार्मूला के तहत हफ्ते में 3-3 दिन खोलने की अनुमति तत्काल दी जाए।
कोई व्यवसायी नहीं चाहता है कि हमारे शहर में कोरोना केस बढ़े हम हर फैसले में सरकार के साथ हैं। मगर सरकार भी सभी व्यापारियों को समानता की नजर से देखें । व्यवसाय के जिन्दा रहने से ही व्यापारी जिन्दा रह सकता है लगातार कई छोटे कपडा व्यवसायी फेरीवाले जो कपडे का व्यवसाय करते थे आज व्यवसाय बदल कर दुसरे काम कर रहे है जिससे थोक व्यापारी से लाया हुआ उधारी नही चूका पा रहे है जिससे थोक एवं फुटकर दोनों व्यवसायी भविष्य को लेकर बहुत परेशान है । कपडा व्यवसायी एवं कपडा व्यापार के रक्षा हेतु हमें भी थोडा बहुत व्यवसाय करने और परिवार की जरुरत पूरा करने का अवसर प्रदान करने की महान कृपा करे।
ज्ञापन में 46 कपड़ा व्यवसायियों ने हस्ताक्षर किया । ज्ञापन देने के दौरान मुख्य रूप से मनदीप छाबड़ा, प्रिंस दुआ, मनीष वासवानी, आकाश दुआ, धीरज जैन दीपक केसरवानी, अंकुर जैन आदि उपस्तिथ रहे ।