पूर्व निगम कमिश्नर आशुतोष पांडेय के पक्ष और विपक्ष में दो धड़ा ……एक कर रहा वाहवाही ….दूसरा पक्ष भ्रष्टाचार की फाइल खुलवाने पर आमादा ….पढ़े खबर इसी तरह की एक प्रेस विज्ञप्ति ने मचा दिया है खलबली
रायगढ़।
जेल काम्प्लेक्स सड़क का मामला एक बड़ा मुदा बना इसके बाद अब ऑक्सीजन निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार का जिन बाहर निकल आया है। पूर्व कमिश्नर आशुतोष पांडे के स्थानांतरण को लेकर भी तरह तरह के कयास लगाए जा रहें थे कुछ जनप्रतिनिधियों के एक धड़े से चल रहे विवाद व मनमुटाव को मान रहे हैं तो कुछ महात्मा गांधी प्रतिमा को लेकर उपजे मामले को मान रहे हैं। फिलहाल उनके जाते ही उनके कार्यकाल में हुए कार्यों को लेकर अब उधेड़ बून की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
ऐसा ही तारा श्रीवास ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर खलबली मचा दिया है। प्रेस विज्ञप्ति इस प्रकार है ….
कुछ बेहतर करने की सोच नगर पालिका निगम रायगढ़ के पूर्व कमिश्नर आशुतोष पांडे के लिए सोशल मीडिया में समाचार व वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऐसे ही समाचार पिछले 1 हफ्ते से नगर निगम प्यारो एवं अन्य समाचार पत्रों से प्रकाशित व प्रसारित हो रहे हैं । इस पर कुछ बेहतर करने की सोच पर निगम एवं पूर्व में समाचार पत्रों से जानकारी के अनुसार जूटमिल क्षेत्र छठ घाट में 1800000 के ऑक्सीज़ोन निर्माण कर दो महीने बाद ही ध्वस्त कर दिया गया और ध्वस्त करने से पूर्व ठेकेदार को आनन-फानन में भुगतान कर देना उक्त 18 लाख की राशि विशुद्ध रूप से निगम मद की थी जिसकी स्वीकृति की प्रक्रिया को ताक में रखकर ठेकेदार भुगतान कर दिया गया है,इस कार्य को महोदय की कुछ बेहतर करने की सोंच को परिलक्षित करता है,बिना वर्क आर्डर के अपने चहेते ठेकेदारों से बिना स्टीमेट के कार्य करवा कर अपने एक लाख रुपये के अधिकारों का दुरुपयोग करते हुवे पेंटिंग,रंगरोगन कार्यो को अंजाम दिया गया,क्या यह है उनकी बेहतर करने की सोंच?बिना सक्षम स्वीकृति के लोकल ठेकेदारों से कार्य करवा कर ठेकेदार को भुगतान के नाम से अपने चंगुल में फंसा कर अपनी फौज तैय्यार करने वाले आशुतोष पांडे शहर के लिए कुछ अच्छा करने की सोंच की कड़ी में रायगढ़ के चमचमाती सड़क जो आठ दिन में ही जगह जगह से टूटने वाली उक्त सड़क को देखा जा सकता है जिसकी शिकायत की जांच पर अपनी बनाई फौजों से राजनीति कर जांच को प्रभावित किया गया,क्या इसे कुछ बेहतर करने की सोंच कहेंगे?
इसी प्रकार निगम के सामने से गांधी प्रतिमा तक ग्रील निर्माण सहित अन्य ऐसे कई विधि विपरीत कार्य है जो आने वाले दिनों में उजागर होना है इनके विधि विपरीत कार्यो का पूरा उजागर इस कारण नही हो पाया क्योकि आशुतोष पांडेय द्वारा निगम जनप्रतिनिधियों को फ़ाइल न दिखाने का आदेश जारी किया गया था जो उनके विधि विपरीत कार्यो को उक्त आदेश उनके लिए कवच का काम किया,क्या वास्तव में यह कार्य कुछ बेहतर करने की सोंच है? पांडेय जी जाते जाते अपने फौज के राजनैतिक सहयोगियों को नियम विपरीत,निगम में प्रचलित टेंडर परम्परा को तोड़ते हुवे उपहार स्वरूप 7 टेंडर भी दे दिया गया,यह नगर निगम का सौभाग्य है कि इनके विधि विपरीत कार्यो की चालीसा में ही ट्रांसफर हो गया अन्यथा आने वाले वर्षो में इनकी विधि विपरीत कार्यो की एक पुराण लिखी जा सकती थी।
तारा श्रीवास