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गरीबी और पढ़ाई को मात दे गई मौत, ‘मां अपना ख्याल रखना’ कहकर फांसी पर झूल गया छात्र गणेश

गरीबी और पढ़ाई को मात दे गई मौत, ‘मां अपना ख्याल रखना’ कहकर फांसी पर झूल गया छात्र गणेश

 

छत्तीसगढ, रायपुर विकास खंण्ड धरसींवा– “मां अपना ख्याल रखना, मैं ऐसी जिंदगी नहीं जी सकता, मैं पढ़ना चाहता था लेकिन…इस तरह के शब्द अपनी हथेली पर लिखकर धरसींवा के देवरी निवासी छात्र गणेशराम ने फांसी लगाकर विगत दिनों आत्महत्या कर ली थी

गणेशराम की मां से मिलीं धरसींवा विधायक अनिता शर्मा
10 हजार सहायता राशि दिये
और कहा आत्महत्या के कारणों की होगी जांच

इस घटना की खबर के बाद क्षेत्री विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा देवरी पहुंची और मृतक की मां और उनके रिश्तेदारों से चर्चा की
अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट करने के बाद विधायक शर्मा ने अधिकारियों को मौत के कारणों की जांच के निर्देश दिए
साथ ही अपनी जनसंपर्क निधि से मृतक के परिजनों को दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की

धरसीवां के देवरी निवासी छात्र गणेशराम शासकीय स्कूल में पढ़ता था
करीब डेढ़ दशक पूर्व मिले इंदिरा आवास जो जर्जर हो चुका था उसमें गणेशराम अपनी बीमार मां के साथ गरीबी में जीवन काट रहा था
मां की बीमारी के इलाज की जिम्मेदारी घर का खर्च सहित सभी जिम्मेदारी जैसे तैसे गणेशराम वहन कर रहा था
वह पढ़ना चाहता था लेकिन परिवारिक तंगी घर की जिम्मेदारी बाध्य बनी हुई थी

गरीबी और महंगाई के इस दौर में उसने पढ़ाई के साथ गांव की भवानी पाइप फैक्ट्री में मजदूरी भी की लेकिन वहां भी आठ नौ घंटे मेहनत के बदले मात्र दो सौ रुपये मजदूरी नसीब होती थी औद्योगिक इकाइयों में ग्रामीण मजदूरों को जैसे हर जगह निर्धारित मजदूरी नहीं मिलती, वैसे ही यहां भी इस छात्र को नहीं मिली किसी गरीब के जीवन में पाई पाई का क्या महत्व होता है यह शायद हर कोई नहीं समझता यदि समझता तो शायद गणेशराम को लगभग 300 से 400 रुपए तक मजदूरी मिलती ओर उसका बोझ थोड़ा कम भी होता
इसी गरीबी के चलते अंततः छात्र गणेशराम ने मौत को गले लगा लिया
इस घटना की खबर मिलते ही शासन प्रशासन के कई जिम्मेदार अधिकारी भी सच्चाई जानने देवरी पहुंचे थे

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