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मौसम बदल रहा है ऐसे में बच्चों का रखें विशेष ध्यान ……ऐसे मौसम में इम्युनिटी भी हो जाता है कमजोर ……बीमारी की चपेट में आने से ऐसे रोकें …..इस चाइल्ड स्पेशलिस्ट ने बताया ……..पढ़ें पूरी खबर

*बदलते मौसम में बच्चों में इम्युनिटी हो जाती है कमजोर, बच्चों को बीमारी की चपेट न आने देने के लिए लिये करें जतन*

रायगढ़ ।
मौसम में हो रहे बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। जिले के शासकीय व निजी अस्पतालों की ओपीडी में वायरल फीवर से पीड़ित लोगों व बच्चों की भीड़ काफी बढ़ गई है। 6 माह से 15 वर्ष तक के बच्चे वायरल फीवर और डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। कोरोनाकाल में बच्चों की देखभाल की ज़िम्मेदारी पालकों पर कहीं ज्यादा बढ़ गई है जिसके लिए पालक सचेत हैं पर बदलते मौसम के कारण जो बीमारी संभव है उससे बचने के लिए पालकों को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति अति संवेदनशील होना अब आवश्यक हो गया है।
इस मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से बीमारियां होती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के खतरे और संभावित तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए खास ध्यान देना जरूरी है। शहर के शासकीय व निजी अस्पतालों में 50 से अधिक बच्चे भर्ती हैं। बच्चों को कोरोना टेस्ट भी किया गया। राहत की बात है कि किसी बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ ताराचंद पटेल ने बताया,”उल्टी-दस्त, सर्दी-खांसी, बुखार, निमोनिया से ग्रस्त बच्चे ज्यादा आ रहे हैं। टाइफाइड के भी एक-दो मामले सामने आए हैं। मौसम में बदलाव व स्वच्छता का स्तर बिगडऩे से बच्चे ज्यादा बीमार हो रहे हैं”।

*प्रतिरोधक क्षमता जरूरी*
डॉ. ताराचंद पटेल का कहना है, “बदलते मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। ऐसे में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार जकड़ लेता है। छोटे बच्चों में यदि ऐसी बीमारी होती है तो उसे अनदेखी करने की बजाए तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। ऐसे में लापरवाही घातक हो सकती है। ज्यादा दिनों तक सर्दी रहने पर बच्चों में निमोनिया की शिकायत हो जाती है। डायरिया पीडि़त बच्चों को एक-दो दिन भर्ती रखने की जरूरत पड़ सकती है। परिजनों से पूरी हिस्ट्री ली जाती है। थोड़ा सा भी संदेह होने पर कोरोना जांच कराई जाती है”।
एमडी मेडिसीन डॉ. रूपेंद्र पटेल ने कहा, “बदलते मौसम से बच्चों के स्वास्थ्य पर ज्यादा असर पड़ रहा है। 3 से 5 दिनों में वायरल फीवर ठीक हो जाता है। इससे ज्यादा दिन सर्दी-खांसी व बुखार होने पर कोरोना टेस्ट कराना जरूरी है।“

*ऐसे करें बचाव*
-ठंडा पानी पीने से बचे, जहां तक संभव हो पानी उबालकर पिलाएं।
– बच्चों को गर्म व पौष्टिक भोजन दें। कटे फल व देर तक असुरक्षित तरीके से रखी गई वस्तुएं खाने को न दें।
– बच्चों को निमोनिया, फ्लू, खसरा की वैक्सीन समय पर लगवाएं।
– ज्यादा दिन तक सर्दी-बुखार होने पर कोविड टेस्ट जरूर कराएं।

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