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भ्रष्टाचार का आरोप:: कांग्रेस के नपा उपाध्यक्ष ने लगाया…गेज बांध मुआवजा की राशि मे करोड़ो की गड़बड़ी का…दस्तावेज में हेराफेरी…कलेक्टर को लिखा पत्र…दोषियों पर कार्रवाई की मांग..

अनूप बड़ेरिया
कोरिया जिले के नगरपालिका बैकुंठपुर के कांग्रेसी उपाध्यक्ष आशीष यादव ने बड़ा खुलासा कर गेज बांध के डूबान भूमि के दस्तावेजों में हेराफेरी कर मुआवजा राशि मे करोड़ो रूपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। आशीष यादव ने यह सारी जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम के माध्यम से इकट्ठा की है। उन्होंने जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत पत्र में बताया कि राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार से अब तो रोज कमाने खाने वाले अत्यंत गरीब परिवार भी अछूते नही रहे हैं। नपा उपाध्यक्ष ने कहा कि गेज मुआवजा राशि पर फर्जीवाड़ा करते हुए करोड़ो रूपये का गबन संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से की गई हैं।
आशीष यादव ने बताया कि गेज भूमि अर्जन  प्रकरण की शरुआत सन 1992 में भी हुई थी। सन 1992 में तत्कालीन कलेक्टर सरगुजा के द्वारा प्रभावित हितग्राहियों की अधिसूचना व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए जारी की गई थी एवं प्रस्तावित भूमि का विवरण 06 मार्च 1992 की मध्यप्रदेश राजपत्र में भी जारी किया गया था। किन्तु प्रकाशन पश्चात किसी प्रकार की आपत्ति समय अवधि में प्राप्त नही होने के कारण कुछ हितग्राहियों का भुगतान करने के पश्चात प्रकरण में कुछ भूमि पर विवाद की स्थिति के कारण लंबित हो गया। जिसके पश्चात वर्तमान मुआवजा राशि में करोड़ों रुपये गबन करने की नियत से किसानों के रकबे  व खसरा में छेड़छाड़ की गई है।
आशीष ने बताया कि जिसकी भूमि 2 एकड़ थी उसे 1 एकड़ कर दिया गया है जिसकी 1 एकड़ भूमि थी उसकी भूमि को पांच एकड़ कर दिया गया है। यहाँ तक की उनकी फर्जी सहमति के आधार पर अन्य ग्राम के लोगों के नाम पर भूमि का मुआवजा बना दिया गया है। ग्रामीणों की अज्ञानता और असाक्षर होने का फायदा उठा कर कुछ हितग्राहियों से उनकी ही भूमि पर कब्जेदार बना कर मुआवजा राशि ले लिया गया है। जिससे गरीब किसानों की मुआवजा राशि में बहुत बड़ी राशि के गबन से इंकार नहीं जा सकता है।
श्री यादव ने कहा कि प्रमाणित दस्तावेज के अनुसार वर्ष 2012 तत्कालीन तहसीलदार आशीष सक्सेना के आदेश के अनुसार पट्टेदार किसानों के भूमि पर कब्जेदार को मुआवजा राशि प्रदाय करने का आदेश जारी कर दिया गया था, जबकि आदेश में यह भी उल्लेख है कि उन्हें इस प्रकरण में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री बैकुंठपुर द्वारा 17 कब्जेदारों की जाँच कर उनसे जांच प्रतिवेदन की मांग की गई है फिर भी अपने अधिकारों से आगे जाकर उनके द्वारा आदेश जारी किया गया है। उक्त आदेश में इस बात का भी उल्लेख है कि तहसीलदार द्वारा भूमि के मौके के निरीक्षण पर पाया गया कि वादग्रस्त सम्पूर्ण भूमि गेज डुबान क्षेत्र में आ चुकी है जिससे भूमि का निरीक्षण कर कब्ज़े की जानकारी दे पाना सम्भव नहीं है। जबकि स्वयं आपत्ति के सुनवाई में उनके द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया है कि उस समय आपतिकर्ता के अनुपस्थित होने के कारण उनका कब्जा सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा नहीं लिखा गया। इसलिए मुआवजा का निर्धारण करते समय आपतिकर्तागण की आपत्ति के अनुसार उन्हें भी उनके कब्जे की डुब में आई भूमि का मुआवजा प्रदाय किया जाये। सभी आपत्तिकर्तागण की आपत्तियों पर विचार करने के उपरान्त यह पाया गया कि वर्तमान में वह समस्त भूमि जिस पर आपत्तिकर्तागण स्वयं का कब्जा होना बता रहे हैं वह पूरी तरह से डूब में आ चुकी है। मौका जांच करने पर भी आज की स्थिति में वस्तुस्थिति की जानकारी उपलब्ध होना संदेहास्पद है। अतः आपतिकर्तागण की आपति निरस्त की जाती है। फिर भी कब्जेदारों के नाम पर मुआवजा राशि आबंटित किये जाने का आदेश जारी कर दिया गया है जो कि अपने आप मे ही त्रुटीपूर्ण आदेश है।। अब उसी आदेश के अनुसार वर्तमान में मुआवजा सूची में कब्जेदारों का नाम जोड़ दिया गया जबकि उक्त भू अर्जन प्रकरण में कब्जेदारों के द्वारा कब्ज़े से संबंधित कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है। लापरवाही की हद तो तब हो गई जब कि वर्तमान समय में पारित अवार्ड मुआवजा सूची में भूमि के किस्म की जानकारी में साफ उल्लेख है। कि अधिग्रहित भूमि डॉड़ है अब यह समझ से परे एक तो भूमि डुबान क्षेत्र में हैं उपर से भूमि डाँड़ है तो कब्जेदार कौन से भूमि पर कब्ज़ा कर कृषि कार्य कर रहे थे।
नपा उपाध्यक्ष ने बताया कि प्रभावित ग्रामीण संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी भूमि के मुआवजा राशि के मामले में चक्कर में लगाकर दौड़ते-दौड़ते परेशान हो गये है तथा उन्हें समाधान व निराकरण का रास्ता अत्यंत दूभर व जटिल होना महसूस हो रहा है. उन्हें ऐसी परिस्थितियों में लाने वाले अधिकारियों पर इस गंभीर अपराध में संलिप्त संबंधित अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाना उन समस्त प्रभावित ग्रामीणों जो इनके कृत्य से प्रताड़ित हुए हैं उनके लिए संजीवनी साबित होगी।

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