संसार के लिए नहीं भगवान के लिए आंसू बहाये —– श्रीश्वरी देवी, मनमोहक संकीर्तन के साथ फूलों की खेली होली
*महाआरती में सैकड़ों लोग हुए शामिल*
*राबर्टसन*
*जगद्गुरू कृपालु सतसंग कल्याण समिति अमनदुला* के द्वारा दिव्य दार्शनिक प्रवचन का आयोजन किया गया था । प्रवचन में श्रीश्वरी दीदी जी ने बताया कि गृहस्थी जीवन में हम सदैव संसार के माया मोह के लिए व्यर्थ चिंता व आंसू बहाते हैं | लेकिन परमात्मा मिलन की लालसा व अनंत भक्ती के लिए कभी आंसू नही बहाते हैं |
राधा गोविंद धाम अमनदुला (मालखरौदा ) में 6 अप्रैल से 21 अप्रैल तक दिव्य दार्शनिक प्रवचन एवं मधुर संकीर्तन का आयोजन किया गया था | इस दिव्य दार्शनिक प्रवचन को विश्व के पंचम मूल जगद्गुरू 1008 श्री कृपालु जी महाराज की कृपापात्र प्रिय प्रचारिका वृन्दावन व राधा गोविंद धाम अमनदुला वासिनी परम पूज्य सुश्री श्रीश्वरी देवी जी के मुखारबिंद से 15 दिवसीय धारा प्रवाहित दिव्य दार्शनिक प्रवचन का वर्णन किया गया | दिव्य प्रवचन के *अंतिम दिवस* में दीदी जी ने कहा कि गृहस्थी जीवन में यदि भक्ति के भावों सहित प्रभु के रूप को मन में स्थापित कर ध्यान करते हैं | तो निश्चित ही भगवन प्राप्ति का मार्ग सरल हो जाएगा | क्योंकि साधना के अनंत रूप है |
हमे संसार की माया मोह को त्याग कर प्रभु के लिए अनंत भक्ती कर आंसू को मिलन के लिए बहाते रहना है | जिस प्रकार किमती वस्तु को पाने के लिए मन बेचैन हो जाता है | ठीक उसी प्रकार परमात्मा को पाने के लिए यदि यही बेचैनी के साथ आंसूओं की धार बहने लगी तो उसी दिन से हमारी भक्ती की शुरुआत होगी | महापुरुषों के द्वारा लिखे गए भजनों को गाते हुए हरि नाम का किर्तन करना है | रामायण से उदाहरण स्पष्ट करते हुए बताया कि *’मन क्रम वचन छांड़ि चतुराई’ । ‘भजतहिं कृपा करत रघुराई ।।’* क्योकिं कलियुग में सिर्फ हरिनाम का किर्तन ही सच्चा व सरल साधन हैं | जो यह मार्ग गृहस्थीयों के लिए विशेष लाभदायक है | हमे प्रभु के रूप को सदैव मन में स्थापित करने का अभ्यास करते हुए वैराग्य करना है | और संसार के माया नगरी को मन में बसाने के लिए अभ्यास नहीं करना है |
*0 हो… हो… होली हे… के साथ महाआरती*
दिव्य प्रवचन के अंतिम दिवस में फूलों की होली का कार्यक्रम रखा गया था | जिसमें दीदी जी ने श्रोतागणों के उपर फूल बरसाने लगे, और *नंद गांव का छोरा है बरसाने की छोरी है हो.. हो.. होली है* की मधुर भजनों ने मानों हमे साक्षात ब्रज की होली के दृश्य का दर्शन करा रहे थे | *जगद्गुरु कृपालु जी व युगल सरकार जी* की भव्य महाआरती में सैकड़ों लोगों ने हाथों में सुन्दर आरती की थाली लेकर *पवित्र स्थल राधा गोविंद धाम* में हुए महाआरती का गवाह बन गए है |