
कम्पनी के प्रदूषण और हानिकारक विषैला पानी का आलम अभी ये है …..तो जब सुनील स्पंज का क्षमता 7 गुना अधिक हो जायेगा …रायगढ़ का सबसे प्रदूषित क्षेत्र में आता है…. क्या कहते हैं समाजिक कार्यकर्ता राजेश … पढ़े पूरी खबर
शमशाद अहमद
रायगढ़।
एक फरवरी को सुनील स्पंज प्राइवेट लिमिटेड सराई पाली की होने वाली जन सुनवाई में क्षमता विस्तार 29700 एमटीपीए से 2,11,200 MTPA अर्थात 7 गुना अधिक क्षमता का विस्तार होना है वर्तमान में जब इस फैक्ट्री के प्रदूषण से प्रभावित गांव के लोग परेशान है और जब क्षमता 7 गुणा अधिक हो जायेगा तब क्या स्थिति होगी। इतना ही नहीं इसके अलावा पेलेट प्लांट 0.6 MTPA, आयरन ओर बेनिफिसिएशन का 0.8MTPA, इंडक्शन फर्नेस सीसीएम 2,10,000 TPA, रोलिंग मिल 2,05,800 TPA, फेरो एलॉय 9एमवीए गुणा 3 के लिए भी जन सुनवाई होनी है। इतना ज्यादा क्षमता जब बढ़ जाएगा तब प्रदूषण का आलम क्या होगा इसका अनुमान एसी में बैठे लोग नहीं लगा सकते हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी इस संबंध में बताते हैं कि रायगढ़ का सबसे प्रदूषित एरिया पूंजीपथरा सराईपाली गेरवानी तराईमाल इन क्षेत्रों में सैकड़ो की तादाद में कंपनियां है और यह कंपनियां अपना विस्तार और विस्तार लगातार करती जा रही है। इसी कड़ी में सुनील स्पंज प्राइवेट लिमिटेड सराईपाली अपना क्षमता विस्तार कर रही है। 1 फरवरी 2024 को कंपनी की क्षमता विस्तार के लिए जन सुनवाई करने वाली है जबकि इस कंपनी की वजह से पूर्व में भी कई दिक्कतें हो गई हैं। गांव के तालाब रुपाणा धाम एवं सुनील स्पंज कंपनी, नवदुर्गा कंपनी की वजह से पूर्ण रूप से प्रदूषण हो गया था जिससे पूरे तालाब की मछलियां मर गई थी। अब आप सोच सकते हैं कि इन कंपनियों के विषैली तत्वों की वजह से मछलियां मर रही हैं तो क्या यह लोगों के लिए हानिकारक नहीं है ? क्या इस क्षेत्र में और कंपनियों का विस्तार होना सही है ? आप इन तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी मात्रा में इस क्षेत्र में प्रदूषण फैला हुआ है और इस स्थिति में भी जिला प्रशासन या छत्तीसगढ़ सरकार पर्यावरण विभाग इस पर किसी प्रकार की कार्यवाही न कर जनसुनवाई के लिए अनुमति प्रदान की है। कम्पनी द्वारा विधिवत इश्तहार का प्रकाशन इसलिए नहीं कराया है की आम लोगों को इसकी भनक लग जाने से विरोध का सामना करना पड़ सकता है। पिछली बार भी ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए प्रशासन द्वारा जन सुनवाई को स्थगित कर दिया था। राजेश त्रिपाठी का यह भी कहना है कि सुनील स्पंज की जनसुनवाई नियमों को ताक पर रखकर कराया जा रहा है।
राजेश त्रिपाठी सामाजिक कार्यकर्ता का यह भी कहना है कि इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं जितने लोग विरोध में रहेंगे उसी अनुपात में कंपनी के उतने आदमी आकर समर्थन में बोल देंगे और जन सुनवाई सफल होने का बहुमत मिल जाएगा और जन सुनवाई सफल हो जायेगी। ग्रामीणों के अकेले विरोध करने से कुछ नहीं होने वाला है। प्रदूषण को देखते हुए फैक्ट्रियों के विस्तार के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध होना चाहिए।
वर्तमान में क्षेत्र में स्थापित फैक्ट्रियों की वजह से जितना प्रदूषण हो चुका है फैक्ट्रियों के विषैले पानी की वजह से नदी तालाब प्रदूषित खेती किसानी सब कुछ प्रभावित हो रही है। प्रदूषण के मामले में यह क्षेत्र खतरनाक स्तर पर है यहां और फैक्ट्री स्थापित करना या विस्तार करना मतलब लोगों को खतरनाक बीमारियों के मुंह में धकेलने जैसा होगा।