प्रकृति से खिलवाड़ का दुष्परिणाम सामने आने लगा …..पांच पेड़ परिजनों के नाम ….2 पत्र शासन के नाम ….किया समाजिक दायित्व का निर्वहन .. पढ़े पूरी खबर
रायगढ़।
प्रकृति से खिलवाड़ का दुष्परिणाम सामने आने लगा हैं. इस वर्ष गर्मी में दिल्ली में 52.9 डिग्री तापमान रिकार्ड किया गया वही रायगढ़ 46.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. प्रकृति के बदलते मिजाज ने संदेश दे दिया है कि यदि पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो जल्द ही पूरे देश का तापमान 50 डिग्री पहुंच जाएगा. यही वजह है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सभी नागरिकों से अपने मां के नाम एक पेड़ लगाने की अपील कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ राज्य के वित्त मंत्री एवं रायगढ़ विधायक श्री ओ पी चौधरी जी नागरिकों से पेड़ लगाने विशेष कर पीपल पेड़ लगाने की अपील कर रहे हैं. यकीनन इस अपील का असर भी हो रहा है और देश, प्रदेश वासी पौधारोपण कर रहे है.क्या प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी की एक पेड़ लगाने की अपील पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्याप्त है या इससे आगे बढ़कर सरकार को नीतिगत फैसला लेना चाहिए? विकास के नाम पर अंधाधुंध पेड़ों की कटाई रोकी जानी चाहिए.ट्रेड यूनियन काउंसिल रायगढ़ के उपाध्यक्ष शेख कलीमुल्लाह ने बिगड़ते पर्यावरण संतुलन पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए रायगढ़ पूछा पार तालाब मे अपने परिजनों के नाम से 5 पीपल पेड़ों का रोपण किया और आम नागरिकों से आह्वान किया कि वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को सुगम जीवन प्रदान करने के लिए इस मानसून मे कम से कम 5 पेड़ अवश्य लगाये तथा पौधा जीवित रहे इसके लिये आवश्यक उपाय भी करें . प्रकृति ने हमें पहाड़ों जंगलों का अनुपम धरोहर दिया, सरकार कोयले के लिए, खनिज संपदा के लिए इन धरोहरों को कटाई करवा रही हैं. तथाकथित विकास के लिए सरकारों द्वारा पर्यावरण असंतुलन की स्थिति निर्मित की जा रही है. इसके लिए आवश्यक है कि हम एक पत्र केंद्र सरकार एवं एक पत्र राज्य सरकार को लिखकर अपना विरोध दर्ज कराये.
छत्तीसगढ़ की परिपेक्ष्य में हम देखें तो मध्य भारत का फेफड़ा कहा जाने वाला हसदेव जंगल मे कोल परियोजना स्वीकृति कर दी है कोयले के लिए पेड़ों की कटाई हो रही हैं, लाखो पेड़ काटे जायेंगे.इस परियोजना की स्वीकृति छत्तीसगढ़ सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार द्वारा की गई. वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोल आवंटन रद्द होने के बाद प्रदेश में भाजपा एवं कांग्रेस दोनों की सरकार रही है. दोनों की नीतियां एक जैसी है अगर राज्य सरकार चाहती तो यह आवंटन रद्द हो सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ट्रेड यूनियन काउंसिल रायगढ़ द्वारा हसदेव अरण्य बचाने के लिए, हसदेव बचाओ आंदोलन का समर्थन करते हुए रायगढ़ गांधी चौक में सांकेतिक प्रदर्शन भी किया गया था. अब जरूरी है कि पेड़ लगाने के साथ-साथ पेड़ों को बचाने के लिए एक पत्र मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को लिखकर अपनी चिंता से अवगत करानी चाहिए. हमे परिजनों के नाम पेड़ लगाने के साथ-साथ मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री से पर्यावरण संरक्षण के लिए कारगार नीति बनाने की अपील की जानी चाहिए. उन्होंने आम जनता से अपील है कि अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए अपने परिजनों के नाम पेड़ अवश्य लगाए तथा प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को अपनी चिंता से अवगत कराते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिये अपील भी करें.