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भाजपा बनी धृतराष्ट्र….महिला पीड़ा की अनदेखी शीर्ष पदों पर बैठी पुरन्देश्वरी और गोमती साय दोनों ही महिला … आरोपित के खिलाफ कार्रवाई न कर रहे हिट विकेट ….. किसने किया पार्टी का मटियामेट … बीजेपी के नेता जवाब देने से कतरा रहे ….

 

रायगढ़।

 

जिला भाजपा में मची कोलाहल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है जिला भाजपा के नेताओ के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली महिला कार्यकर्ता के बाद दूसरा बड़ा विकेट उड़ाया गया है पर इसे राजनीति के परिपेक्ष्य में हल्के से लेना पार्टी आलाकमान के लिए घातक होगा क्योंकि ये पब्लिक है सब जानती है।

जब पूरे प्रदेश में विपक्ष की राजनीति को लेकर चर्चा की जाती है तो बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय का निजी जिला होने के कारण बीजेपी में रायगढ़ के नेताओं की पौ बढ़ती रही है पर पिछले दिनों से बीजेपी की रायगढ़ की राजनीति में महिलाओं की शिकायतों का दौर शुरू होने के बाद कहीं न कहीं बड़े कद्दावर नेता हाशिये पर जाते नजर आ रहे हैं। महिला कार्यकर्ताओं की शिकायत पर चर्चा न करना और उसे समय आने पर सुधार लेने की सोच न रखने वाले भले वर्तमान में स्वयं को स्वयम्भू मानकर चल रहे हैं, राजनीति में जनता की सोच न जानकर पीछे रह ही जायेंगे।
पिछले महीनों से जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल के खिलाफ लगे आरोप और शिकायत के बाद संगठन आलाकमान एक-एक कर विरोधी गुट के नेताओं की विकेट चटकाने में लगे हुए हैं और इससे साबित होता है कि कहीं न कहीं उमेश अग्रवाल को बचाने में पूरी भाजपा संगठन लग गई है। यह इस बात जाहिर और प्रमाणित होता है कि जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल के खिलाफ उसी रायगढ़ के नगर कोतवाली थाने में एफआईआर हुई और थाने में उमेश अग्रवाल पर एफआईआर होने के बाद भी उनके खिलाफ पार्टी से न तो नोटिस जारी की गई और न ही कोई जवाब-तलब किया,जबकि सुर्खियां निरन्तर है।

बीजेपी की राजनीति में एबीवीपी से राजनीति की शुरुआत करने वाले वरिष्ठ नेता आशीष ताम्रकार को पार्टी से निलंबित कर दिया और 7 दिनों की मोहलत में जवाब मांगा कि आपने पार्टी के अंदर सेक्स स्कैण्डल को मीडिया में उछाला है और महिला को उकसाया जाकर थाने में एफआईआर दर्ज करवाया गया इससे पार्टी की छवि धुमिल हुई है। भाजपा के आलाकमान द्वारा आशीष ताम्रकार को पार्टी से निलंबित किया तो है पर ऐसा कर आलाकमान खुद फंसती नजर आ रही है।मगर अब पार्टी से निलंबित तेज तर्रार नेता अब तक इस मामले में अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है।

आशीष ताम्रकार से जब पूछा गया तो उन्होंने ज्यादा कुछ बोलने से इंकार करते हुए बस इतना कहा कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही पहले भी था अब भी हूं और कल भी रहूंगा पार्टी द्वारा मुझे जवाब देने 7 दिनों का समय दिया गया है मैं वहां अपनी बात रखूंगा और मुझे उम्मीद है मुझे न्याय मिलेगा।
गौरतलब यह है कि छत्तीसगढ़ बीजेपी की राष्ट्रीय प्रभारी डी.पुरिन्देश्वरी के साथ-साथ रायगढ़ की संसद गोमती साय दोनों महिला है जो समय रहते चाहते तो इस मामले में महिला का उत्पीड़न जान कर पीड़ित महिला से रूबरू हो सकते थे लेकिन ऐसा न कर उल्टे पीड़ित महिला कार्यकर्ता को पार्टी से निष्काषित किया और अब एक तेज तर्रार तुर्क नेता पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निलंबित किया। इतना ही यह भी कहा जा रहा है इसके बाद एक और कद्दावर भाजपा नेता का विकेट गिरने वाला है और इस नेता पर भी आशीष ताम्रकार की तरह उकसाने व पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाकर बाहर का रास्ता दिखाये जाने की खबर अंदर खाने से आ रही है। यहां यह भी उल्लेख करना होगा कि धुंवा वहीं उठता है जहां कही न कहीं चिंगारी होती है। फिर आखिर संगठन आलाकमान एक व्यक्ति विशेष के सामने नतमस्तक क्यों है, महिला कार्यकर्ताओं की शिकायत को न तो गम्भीरता से लिया जा रहा है और न ही जिन पर उकसाने का आरोप लगाया जाकर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है उसकी उसकी जांच में दम क्यों नहीं दिखाया जा रहा है।

इस मामले में विष्णुदेव साय से मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने मोबाइल नही उठाया फिर संगठन के पवन साय से रायगढ़ के परिपेक्ष्य में सवाल किया गया तब उन्होंने मोबाइल के चार्ज पर लगा होने की बात कहते हुए थोड़ी देर में बात करने कहा गया लेकिन बाद में मोबाइल की घण्टी बजती रही मोबाइल रिसीव नही किया। बीजेपी में महिलाओं की अनदेखी करना जिले की महिलाओं की अनदेखी के रूप में देखा जा रहा है ।

कार्यकर्ताओं की निष्ठा विशुद्ध रूप से जमीनी स्तर के नेताओं के साथ ही बड़े नेता इस चीज को जान ले कि अपनी ढपली अपना राग गाने वाले नेता का नेतृत्व स्वंभू ही माना जाता है उसे भले ही सुविधा भोगी के चौखटों में झुका दिया जाय पर यह नहीं भूलना चाहिए कि आखिर पार्टी की छवि धूमिल करने वाले असल हैं कौन ? अन्यथा इस जिले से निकला गगनभेदी नारा -राजा नही फ़क़ीर है-छत्तीसगढ़ का वीर है- जैसे नारे ने 1988 के खरसिया विधानसभा के उपचुनावों में ऐतिहासिक भीड़ ने लगाया था. जिले की भाजपा में अब यह नारा सिर्फ इतिहास के पन्नो में सिमटती नजर आएगी।
वर्तमान में जिला भाजपा में चल रही गतिविधियों से जिला भाजपा अध्यक्ष पर जो आरोप लगे है यह बेहद गम्भीर है किंतु पार्टी आलाकमान द्वारा जिस तरह से इस मामले में एक तरफा फैसला सुनाते हुए विकेट गिरा रही है और आरोपित को संरक्षण दे रही है ….भइया ये पब्लिक है सब जानती है…इसीलिए कहा जाने लगा है कि भाजपा बनी अब धृष्तर्राष्ट्र .

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