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रायगढ़ सामूहिक दुष्कर्म मामले पर राजनीतिक बयानबाजी: ओपी चौधरी के इस बयान के बाद उमेश पटेल के तीखे हमले, कानून व्यवस्था पर उठाया गंभीर सवाल

शमशाद अहमद/-

रायगढ़। रायगढ़ जिले में हाल ही में हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस घटना ने न सिर्फ जिले की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि राजनेताओं के बीच तीखी बयानबाजी को भी जन्म दिया है।

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री और रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़िता की पहचान को सार्वजनिक न किया जाए, यह सभी की सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने प्रशासन की तरफ से पीड़ित परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही और साथ ही इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द सुनवाई कराने का भरोसा दिलाया। चौधरी ने यह भी कहा कि घटना के 24 घंटे के भीतर सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी की ओडिशा में मृत्यु हो गई है। चौधरी ने जिला प्रशासन द्वारा तात्कालिक सहायता राशि के रूप में चार लाख बारह हजार रुपये स्वीकृत कराने की भी जानकारी दी।

हालांकि, इस मामले में सत्ताधारी पार्टी के विधायक के बयान के बाद विपक्ष ने भी पलटवार किया है। खरसिया विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने रायगढ़ की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जिले में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं और पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक दबाव साफ दिख रहा है। पटेल ने आरोप लगाया कि 14 में से केवल 7 आरोपियों की गिरफ्तारी ही अब तक हुई है, जिससे कानून व्यवस्था की ध्वस्त हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने शेष आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि पुलिस को बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

उमेश पटेल ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात के दौरान उनकी निजता का विशेष ध्यान रखा और यह सुनिश्चित किया कि उनकी पहचान उजागर न हो। उन्होंने इस मुलाकात के जरिए पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाने का प्रयास किया कि वे इस कठिन समय में अकेले नहीं हैं।

सरहदी प्रदेश के जिले में हाल ही में हुए गोलीकांड में शहर के शामिल लोगों की पहचान तक नहीं की गई और न कोई पड़ताल तक किया गया । इसे पुलिस पर राजनीतिक दबाव का होना बताया उन्होंने कहा की पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर काम किया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपील की कि वे बिना किसी दबाव के निष्पक्षता के साथ कार्रवाई करें और बाकी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि ऐसी कार्रवाई हो जिससे पीड़ित परिवार को संबल मिले और अपराधियों को सख्त सजा दी जाए।

रायगढ़ में हुए इस गंभीर अपराध और उसके बाद की राजनीतिक बयानबाजी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इस मामले में जहां सरकार की ओर से त्वरित कार्रवाई की बातें की जा रही हैं, वहीं विपक्ष लगातार प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार की अगली कार्रवाई क्या होती है और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।
इस मुलाकात और उमेश पटेल के बयान ने रायगढ़ की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, जहां कानून व्यवस्था पर विपक्ष द्वारा लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में प्रशासन और सरकार का अगला कदम क्या होता है।

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