चक्रधर समारोह: रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का भव्य आयोजन …. पूरी भव्यता के साथ ख्यातिलब्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी में गौरवशाली इतिहास और अंतरराष्ट्रीय मंच …पढ़े
शमशाद अहमद/-
रायगढ़। एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नगरी, एक बार फिर से अपने गौरवशाली अतीत को संजोने के लिए तैयार है। चक्रधर समारोह जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी ख्याति के लिए प्रसिद्ध है इस वर्ष भी भव्यता के साथ 7 सितंबर से आयोजित होने जा रहा है।
यह समारोह रायगढ़ रियासत के तत्कालीन राजा चक्रधर सिंह की स्मृति में आयोजित होता है, जिन्हें ‘संगीत सम्राट’ के रूप में जाना जाता है। उनके संगीत का जादू ऐसा था कि उनकी तबले की थाप पर चिड़िया चहक उठती थीं और बादल भी उमड़ आते थे।राजा चक्रधर सिंह के योगदान से रायगढ़ की कथक नृत्य परंपरा अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर बन गई है। हालांकि, उनके लिखे ग्रंथों के प्रमाण आज तक नहीं मिले हैं, पर कला प्रेमियों का मानना है कि वे ग्रंथ सांस्कृतिक विरासत के रूप में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
इस वर्ष समारोह के लिए रामलीला मैदान में एक विशाल वाटरप्रूफ पंडाल तैयार किया गया है, जहां देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। स्थानीय कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और उनकी टीम ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कड़ी मेहनत की है और कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस कप्तान दिव्यांग पटेल की टीम ने संभाली है, क्योंकि समारोह के दौरान वीआईपी मूवमेंट और कलाकारों का जमावड़ा रहेगा।
चक्रधर समारोह की शुरुआत राजा चक्रधर सिंह ने गणेश मेला के रूप में की थी, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक और खेलकूद की गतिविधियों का आयोजन होता था। इस परंपरा को जीवंत रखते हुए, कुश्ती और कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी इस बार भाग लेंगे।
समारोह में भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, मणिपुरी नृत्य के साथ असमिया सत्रीया और ओडिशी नृत्य की प्रस्तुतियाँ भी होंगी। रायगढ़ इस आयोजन के माध्यम से न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सांस्कृतिक समृद्धि के धरोहरों को सहेजने साझी विरासत का संदेश देता है।