शासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से की पेंशन की मांग…. सौंपा मांग पत्र का ज्ञापन…शिक्षा मंत्री ने 03 महीने में मांगों के पूरा करने हेतु आश्वस्त किया था..
रायगढ़ ।
शासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षक और कर्मचारी संघ जिला इकाई रायगढ़ ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के रायगढ़ प्रवास पर सर्किट हाउस में मुलाकात कर संघ के लंबित मांगों, अनुदानित शिक्षकों को शासकीय के समान पेंशन का लाभ देने, अनुदानित शालाओं में शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक को समाप्त कर नियुक्ति चालू करने, शिक्षक अनुदान को नियमित पद परिवर्तन, शिक्षक अनुदान को भी शासकीय के समान समतुल वेतनमान, 02 वर्ष सेवा पूर्व पर संवीलयन आदि मांगों का मांग पत्र ज्ञापन सौंपा ।
शिक्षा मंत्री ने 03 माह में मांगों को पूरा करने का दिया था आश्वासन –
संघ ने शासन गठन के अल्प समय बाद ही 28 जनवरी 2024 को राष्ट्रीय विद्यालय रायपुर में माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का सम्मान कर उपरोक्त मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा था । इस सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा मंत्री आपकी इन मांगों से परिचित है अतः इसके लिए मैं उन्हें अधिकृत करता हुआ और उपरोक्त सभी मांगों पर अपनी सहमति व्यक्त की । शिक्षा मंत्री ने इनके संबंध में आगामी 03 महीने में मांगों के पूरा करने हेतु आश्वस्त किया था ।
छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी पद समाप्ति का दावा झूठा, पदनाम परिवर्तन मे कोई व्यय भार नहीं फिर भी आदेश नही
पूर्व कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी पद समाप्ति की आधिकारिक घोषणा की थी, लेकिन उनकी यह घोषणा पूरी तरह झूठी है, क्योंकि शासकीय अनुदान स्कूलों में शिक्षाकर्मी के समकक्ष शिक्षक अनुदान के रूप में शिक्षक आज भी कार्यरत हैं । शिक्षाकर्मी पद समाप्ति का छत्तीसगढ़ शासन का आधिकारिक आदेश होने के बाद भी जबकि इस पदनाम परिवर्तन मे कोई व्यय भार नहीं लगना है , अभी तक शासन से अनुदान मे यह आदेश जारी नही किया गया है ।
पूर्व रमन शासन में अनुमोदन और घोषणा पत्र में पेंशन को शामिल करने के बाद भी, पेंशन आदेश का है इंतजार –
स्कूल शिक्षा विभाग के नस्ती क्रमांक 5-53/2020/20तीन और वित्त विभाग के नस्ती क्रमांक एफ 2018-04-04495 मे पेंशन हेतु शासन व वित्त की सहमति होने के बाद भी शासकीय अनुदान स्कूल में पेंशन का आदेश नही किया गया है । जबकि समान अधिनियम में अनुदानित महाविद्यालयों में पेंशन का प्रावधान किया जा चुका है ।
रिक्त पदों से प्रभावित हो रही पढ़ाई –
शासकीय अनुदान स्कूल में वर्ष 2011 के बाद से कोई भी नियुक्ति नहीं हो रही है जिससे विद्यालयों में जो पद रिक्त हो रहे है इनपर नियुक्ति नहीं हो पा रही है जिससे विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है । रायगढ़ जिले में आदर्श बाल विद्या मंदिर रायगढ़, कार्मेल प्राथमिक विद्यालय रायगढ़, पतरापार मिडिल स्कूल धर्मजयगढ़, प्राथमिक विद्यालय बारबंद धर्मजयगढ़ स्कूलों में अनुदान के सभी शिक्षक सेवा निवृत्त हो चुके हैं और सभी पद रिक्त हैं । जिले के बाकी अनुदान स्कूलों में भी कई शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने से अधिकांश पद रिक्त हैं । विद्यालयों में पद रिक्त होने से प्रबंधकों को विद्यालय संचालन में बहुत कठिनाई हो रही है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है ।
प्राचार्य पद पर पदोन्नति और तृतीय समयमान लंबित –
रायगढ़ के अनुदान विद्यालयों में रिक्त पदों पर पदोन्नति का नियम है, लेकिन जिले में स्कूल शिक्षा विभाग की निष्क्रियता के कारण अनुदान स्कूलों में प्रबंधक वर्ग मनमानी तरीके से अपात्र लोगों को प्राचार्य पद पर नियुक्त किए हुए हैं । अनुदान विद्यालय में प्राचार्य पद पर अनुदान के मान्य पदों पर कार्यरत वरिष्ठ शिक्षकों से ही पदोन्नति से नियुक्त होना है । साथ ही राज्य शासन के समान पात्रता अनुसार तृतीय समयमान का लाभ भी रायगढ़ में शिक्षकों को नहीं मिल रहा है ।
_अनुदान विद्यालय में शिक्षक कर्मचारियों को ट्रेजरी एक्ट 1978 सेवा शर्तों का लाभ मिलता है जिसमे राज्य शासन के कर्मचारियों के समान सभी सेवा लाभ का प्रावधान है । उपरोक्त सभी मांगों पर माननीय मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दी है और वे एक समर्थ, योग्य और विश्वसनीय है इसलिए अनुदान विद्यालय के शिक्षकों को उनकी घोषणा को पूरा करने का इंतजार है संघ नें कहा कि हमे विश्वास है कि हमारी मांग जल्द पूरी होंगी । जिले केअनुदान शालाओं में नियमानुसार प्राचार्य पद पर नियुक्ति भी होगी