बचपन मे मां-बाप को खोने के बाद भी… हौसला नही खोया प्रमिला ने…तीरंदाजी में आयी प्रथम..वनवासी विकास समिति का 3 दिवसीय राज्य स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिता…
ध्रुव द्विवेदी
प्रमिला ने राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में किया उल्लेखनीय प्रदर्शन बचपन मे माता पिता को खोने के बाद भी नहीं छोड़ा हौसला
मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं ,जिनके हौसलों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। ये पंक्तियां राज्यस्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में शामिल होने आई प्रमिला पर पूरी तरह सटीक उतरती हैं, जिसने महज 4 वर्ष की उम्र में अपने माता पिता को खोने के बाद अपना हौसला नहीं खोया और आज उसी हौसले की बदौलत प्रमिला ने राजेश्री खेलकूद प्रतियोगिता में तीरंदाजी में प्रांतीय स्तर पर पहला स्थान अर्जित किया।
कोरिया जिले के सरस्वती शिशु मंदिर मनेन्द्रगढ़ में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
वनवासी विकास समिति द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में कबड्डी व तीरंदाजी के खिलाड़ी शामिल हुये।प्रतियोगिता के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक डॉ विनय जायसवाल,समाजसेविका श्रीमती इंद्रा सेंगर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में बालक वर्ग में प्रथम कोरिया जिला एवं उपविजेता सूरजपुर की टीम रही। बालिकाओं में बस्तर भनपुरी की टीम प्रथम और गरियाबंद की टीम उपविजेता रही । तीरंदाजी में बालक वर्ग में सरगुजा के रोहित प्रथम व गरियाबंद के राहुल द्वितीय तथा सरगुजा के ही रवि कांत तृतीय रहे ।
इसी प्रकार बालिका वर्ग में तीरंदाजी में दंतेवाड़ा की प्रमिला प्रथम , गरियाबंद की सुमित्रा ठाकुर द्वितीय और दंतेवाड़ा की लता तृतीय रही ।
इस प्रतियोगिता मे सुरेश कुमार कोच सूरजपुर , गरियाबंद के कोच नीलकंठ ठाकुर ,कोरिया के कोच आनंद मरकाम, बस्तर से हर बंधु जोशी, अंबिकापुर के करमचंद सिंह, बलरामपुर से संतोष पांडे ,जिला संगठन मंत्री गोपाल राम , प्रांत से खेलकूद प्रमुख बिहारी सिंह ,विभाग संगठन मंत्री सरगुजा तुलसी तिवारी, प्रांत संगठन मंत्री रायपुर नारायण रजक ,प्रांत संगठन मंत्री अंबिकापुर ने खिलाड़ियों का मार्गदर्शन किया ।
इस अवसर पर वनवासी विकास समिति के प्रान्तीय उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर, जिला समिति के सचिव विनोद शुक्ला, मृत्युंजय सोनी, सुरेश भगत, सी.एल.नागवंशी, रामकृष्ण नामदेव, कुंदन सिंह राणा, श्रीमती महेश्वरी सिंह, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
बालिका वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कु.प्रमिला ने बचपन में ही अपनी माता पिता को खो दिया है । जब वह चार वर्ष की थी तभी माता पिता दोनों का स्वर्गवास हो गया था । कक्षा पाँचवी की छात्रा प्रमिला की देखरेख, शिक्षा आदि की जिम्मेदारी वनवासी छात्रावास, भनपुरी ने ले ली है वह तीरंदाजी में अपने देश और समाज का नाम रौशन करना चाहती है प्रमिला बड़े होकर डाक्टर बनना चाहती है।