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कोरिया के स्कूल शिक्षा विभाग में  आ रही भ्रष्टाचार की बू…स्थानांतरित शिक्षकों को रिलीफ करने में आलाधिकारियों की जा रही आना कानी…

मनेन्द्रगढ़ से ध्रुव द्विवेदी
 कोरिया जिले के अधिकारियों में अफसरशाही इस कदर हावी है कि उन्हें विभाग के आला अधिकारियों के आदेश की कोई चिंता नहीं और तो और उनके लिए महामहिम राज्यपाल का आदेश भी कोई मायने नहीं रखता। उच्चाधिकारियों के आदेश की जिले के अधिकारी इस तरह के इस तरीके से अनदेखी करते हैं कि जैसे वह आदेश न होकर एक सामान्य दस्तावेज है।
 आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर अटल नगर जिला रायपुर से 1 अक्टूबर 2019 को व्याख्याताओं को स्थानांतरित किया गया था। इन स्थानांतरित व्याख्याताओं को उनके दर्शाए गए स्थान पर अस्थाई रूप से पदस्थ करने का आदेश दिया गया है।
 इस आदेश के साथ इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि स्थानांतरित व्याख्याताओं को निर्देशित किया जाता है कि वह नवीन पदस्थापना स्थान पर आदेश जारी दिनांक से 15 दिवस के भीतर कार्यभार ग्रहण करें।समयावधि के भीतर भार मुक्त नहीं होने की स्थिति में संबंधित व्याख्याताओं भार मुक्त माने जाएंगे।
 निर्धारित समयावधि में कार्यभार ग्रहण करने पर संबंधित व्याख्याता के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस बारे में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार एआर खान अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बात को भी उल्लेख किया है कि आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। लेकिन जिले के आला अधिकारी राज्यपाल तक के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। 
आरोप है कि स्थानांतरित कर्मचारियों को कार्यमुक्त ना करने के पीछे लेनदेन की मंशा हो सकती है। 
इस बारे में जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी  के मोबाइल पर फोन लगाया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।इससे ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है।

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